लखनऊ. अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को गंगा एक्सप्रेसवे के तीन प्रमुख हिस्सों के क्रियान्वयन को लेकर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से स्वीकृति पत्र मिला है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस परियोजना की लागत 17,000 करोड़ रुपये से अधिक है. यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत देश की किसी निजी कंपनी को दी गई अब तक की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना है.
अडाणी इंटरप्राइजेज ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में तीन हिस्सों में छह लेन के एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगी जो आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा तथा रियायत की अवधि 30 वर्ष होगी.
उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे दरअसल मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा और डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) के आधार पर लागू होने वाला भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा. बयान में कहा गया है कि कुल 594 किलोमीटर की लंबाई में से अडाणी एंटरप्राइजेज बदायूं से प्रयागराज तक 464 किलोमीटर का निर्माण करेगी. यह एक्सप्रेसवे परियोजना का 80 प्रतिशत हिस्सा है.
दरअसल, गंगा एक्सप्रेस वे आधे से ज्यादा पश्चिमी यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले से गुजरेगा. फिलहाल हापुड़ और बुलन्दशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा. वहीं, शाहजहांपुर के आगे यह एक्सप्रेसवे हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज तक जाएगा. एक्सप्रेसवे के लिए अब 94 प्रतिशत जमीन खरीदी प्रक्रिया की जा चुकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी में एक बार फिर डबल इंजन की सरकार बना दें, अमेरिका जैसी होंगी राज्य की सड़कें: गडकरी
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