प्रदीप द्विवेदी. कांग्रेस मुक्त भारत का मोदी टीम का सियासी सपना तो ढेर हो चुका है, लेकिन लगता है यदि राजनीतिक हालत नहीं सुधरे, तो बीजेपी मुक्त दक्षिण भारत जरूर हो जाएगा?
केंद्र में भले ही बीजेपी सरकार हो, लेकिन दक्षिण भारत में उसकी कुछ खास मौजूदगी नहीं है, कर्नाटक में सियासी जोड़तोड़ के दम पर भले ही बीजेपी ने सरकार बना ली हो, परन्तु यही हालात रहे, तो 2023 में यह राज्य भी बीजेपी के हाथ से निकल जाएगा!
कर्नाटक में शहरी निकाय चुनावों में कांग्रेस ने धमाकेदार सफलता हासिल की है, हालांकि एकतरफा मीडिया ने इसे खास महत्व नहीं दिया है, किन्तु बीजेपी की हार की यह हैट्रिक है, बसवराज बोम्मई के कर्नाटक में सीएम बनने के बाद तीन चुनावों में बीजेपी को लगातार झटके लगे हैं, बोम्मई अपने गृह जिले में सिल्ली विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी को जीत नहीं दिला सके, तो एमएलसी चुनाव में भी बहुमत के मामले में बीजेपी मात खा गई और अब निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने उसे तगड़ा झटका दिया है.
खबर है कि कर्नाटक में शहरी निकाय चुनावों में 1184 सीटों में से 501 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, 58 शहरी निकायों के 1184 वार्डों में चुनाव हुए थे. इस चुनाव में बीजेपी ने 437, जनता दल (सेक्युलर) ने 45 और अन्य के ने 204 सीटें जीती हैं.
नतीजों को लेकर कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा- हाल के समय में चुनाव परिणाम राज्य में कांग्रेस की लहर का इशारा करते हैं. शहरी स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम इसकी पुष्टि करते हैं. निस्संदेह कांग्रेस 2023 विधानसभा चुनाव जीतेगी. मैं अपने वोटरों को उनके भारी समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं.
सियासी सयानों का मानना है कि यदि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सियासी समीकरण नहीं सुधरा, तो बीजेपी के हाथ से यह राज्य भी निकल जाएगा!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अखिलेश यादव को बड़ा झटका, मुलायम के करीबी शतरुद्र प्रकाश बीजेपी में हुए शामिल
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