नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में कोविड प्रतिबंधों को ऐसे समय में जारी रखना जब संक्रमण दर प्रतिदिन कम हो रही है, यह दिल्ली के व्यापारियों को रास नहीं आ रहा है. कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के सर्वे में अधिकांश व्यापारियों ने बाजारों को कोविड प्रतिबंधों से मुक्त करने की मांग की है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि, ऐसे समय में जब दिल्ली में संक्रमण दर 18 प्रतिशत तक नीचे आ गई है, अस्पतालों में गंभीर मामलों में बेहद कमी है, कोविड के दूसरे चरण के मुकाबले अस्पतालों में बेड भी ज्यादा नहीं भरे हैं, ऐसे समय में कोविड प्रतिबंधों में रियायत देना आवश्यक है. जिससे दिल्ली का व्यापार और आर्थिक चक्र भी चलता रहे.
प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक, इस कड़ी में कैट ने कल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र भेजकर दिल्ली में कोविड प्रतिबंधों में रियायत देने की मांग भी की है. कैट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजे पत्र में सुझाव दिया है कि, ऑड-ईवन व्यवस्था दिल्ली में न केवल फेल साबित हुई है बल्कि इससे उपभोक्ताओं को परेशानी भी हुई है. वहीं दिल्ली के व्यापार का बेड़ा गर्क करने में कोई कसर भी बाकी नहीं रखी गई है, इसके मद्देनजर ऑड ईवन और वीकली लॉकडाउन को खत्म कर कोविड नियमों की कड़ाई से पालन पर ज्यादा जोर दिया जाए. वहीं, कैट ने सुझाव दिया है की बाजारों के कार्य का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे कर दिया जाए.
इसके अलावा होटल और रेस्टोरेंट को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दिए जाने की मांग भी रखी है. जिस तरह निजी कार्यालयों को दी गई है. कैट के मुताबिक, दिल्ली में शादियों की जरूरतों को महसूस करते हुए 20 व्यक्तियों की जगह पर कम से कम 100 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति दी जाए. दिल्ली प्रशासन प्रदेश के सभी हिस्सों के व्यापारिक संगठनों के साथ मिलकर सभी बाजारों में कोविड सुरक्षा नियमों के अनिवार्य पालन को सुनिश्चित करें. उनका कहना है कि, दिल्ली के सभी व्यापारी संगठन इसमें सरकार का सहयोग करने के लिए तत्पर हैं.
कैट के मुताबिक, सर्वे में लगभग 96 फीसदी व्यापारियों ने पूरे सप्ताह बाजार खोलने की मांग की है. वहीं 97 प्रतिशत व्यापारियों ने कोविड सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन किए जाने पर जोर दिया है. जबकि, 86 प्रतिशत व्यापारी मानते हैं कि पिछले 20 दिनों में कोविड के चलते उनका व्यापार 60 प्रतिशत से ज्यादा कम हुआ है. और 88 फीसदी लोगों ने शादियों में 100 व्यक्तियों के शामिल होने के विषय पर सहमति जताई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-वैवाहिक रिश्तों में पत्नी की सहमति पर इतना ज्यादा जोर किसलिए: दिल्ली हाई कोर्ट
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