अफगानिस्तान पर ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप का होगा गठन, मध्य एशियाई देशों के साथ सम्मेलन में लिया गया फैसला

अफगानिस्तान पर ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप का होगा गठन, मध्य एशियाई देशों के साथ सम्मेलन में लिया गया फैसला

प्रेषित समय :11:20:32 AM / Fri, Jan 28th, 2022

नई दिल्ली. भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर अफगानिस्तान को लेकर एक संयुक्त कार्य समूह गठित करने का फैसला किया. विदेश मंत्रालय की सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की. इसमें कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जुमरात तोकायेव, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहम्मदेवो और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सद्र जापारोप ने भाग लिया.

संधू ने कहा कि शिखर सम्मेलन में मोदी ने अगले 30 साल के लिए खाका तैयार करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि यह निर्णय हुआ कि भारत और मध्य एशियाई देशों के नेता हर दो साल में शिखर सम्मेलन स्तर की बैठक करेंगे और 2024 में अगला शिखर सम्मेलन होने की संभावना है.संधू ने कहा कि बैठक में नेताओं ने अफगानिस्तान पर करीबी परामर्श जारी रखने को लेकर सहमति जताई.

वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर अफगानिस्तान के संबंध में एक संयुक्त कार्य समूह गठित करने का भी फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि भारत और मध्य एशियाई देश आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं. संधू ने कहा कि भारत और मध्य एशिया के इच्छुक देशों के बीच आतंकवाद रोधी संयुक्त अभ्यास किया जाएगा.नेताओं ने यूएनएससी प्रस्ताव 2593 (2021) के महत्व की पुष्टि की, जो स्पष्ट रूप से मांग करता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी कार्य को आश्रय देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाए और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा स्वीकृत सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का ऐलान किया जाए. वे अफगानिस्तान की स्थिति पर सलाह-मशवरा जारी रखने पर भी सहमत हुए.

इस संदर्भ में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर अफगानिस्तान पर एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का फैसला किया.नेताओं ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर एक व्यापक ‘क्षेत्रीय सहमति’ है, जिसमें एक वास्तविक प्रतिनिधि और समावेशी सरकार का गठन, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करना, संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका, के लिए तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना शामिल है. इस संबंध में, नेताओं ने जुलाई 2022 में ताशकंद में एससीओ के शुरुआत में अफगानिस्तान पर एक उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के लिए उज्बेकिस्तान की पहल का उल्लेख किया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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