नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में स्थित दिल्ली हाई कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में एक महिला का ट्विटर अकाउंट को अवैध रूप से बंद करने के मामले में सोमवार को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर से जवाब मांगा. हाई कोर्ट ने सोमवार को एक अकाउंट के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर ट्विटर को नोटिस जारी किया. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिना किसी पूर्व चेतावनी और सुनवाई का मौका दिए खाते को निलंबित कर दिया गया.
दरअसल, जस्टिस वी कमेश्वर राव ने डिम्पल कौल की याचिका पर कंपनी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया. इस याचिका में कहा गया है कि ट्विटर एक सार्वजनिक कार्य करता है और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 79 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 से बाध्य है. उन्होंने आगे कहा गया है कि निलंबन अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. 19 और 21 भारत के संविधान के रूप में यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को प्रभावित करता है.
वहीं, डिंपल कौल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि उनके ट्विटर हैंडल पर 2 लाख 55 हजार से ज्यादा फॉलोअर थे. इसने आगे कहा कि ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल साहित्य, महिला अधिकार, भारतीय संस्कृति, अहिंसा, समानता, राजनीति पुरातत्व और इतिहास सहित विभिन्न विषयों से संबंधित शैक्षिक सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जा रहा था.
बता दें कि हाई कोर्ट ने सुयश दीप राय की याचिका पर भी नोटिस जारी किया. उन्होंने भी अपने ट्विटर अकाउंट को बंद करने के खिलाफ याचिका दायर की है. इस दौरान दोनों याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील राघव अवस्थी पेश हुए और उन्होंने दलील दी कि ट्विटर अपनी मर्जी से लोगों के अकाउंट डिलीट कर रहा है और उसे कानून के मुताबिक ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि याचिका के लंबित रहने तक ट्विटर अकाउंट बहाल किए जाएं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर जल्द खत्म होगी फ्री सेवा, 10 फरवरी से लगेगा टोल
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