लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग से ठीक केंद्रीय निर्वाचन आयोग की ओर से बलिया और ललितपुर के डीएम को भेजे गए एक फर्जी पत्र का खुलासा हुआ है. इस पत्र को अति गोपनीय बताते हुए लिखा गया है कि जापान के चुनाव आयोग ने पाया है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है और पासवर्ड भी बदला जा सकता है.
इस पत्र में आगे लिखा गया है कि केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से लाई जा रही ईवीएम को चुनाव के दिन किसी भी कंपनी के इंटरनेट नेटवर्क से 200 मीटर दूर रखा जाए. पत्र में यह भी लिखा है कि इन जानकारियों को राजनीतिक दलों से दूर रखा जाए, ऐसा न करने पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है.
सोशल मीडिया पर ये फर्जी पत्र काफी तेजी से वायरल हो रहा था. सामान्य डाक से भेजे गए इस पत्र की भाषा अंग्रेजी है, लेकिन इसकी भाषा ने पहली नजर में ही इस पत्र की पोल खोल दी. अंग्रेजी में लिखे इस पत्र में कई जगह स्पेलिंग मिस्टेक और व्याकरण की गलतियां पाई गईं.
पत्र पर भारत निर्वाचन आयोग की मुहर लगी है और पत्र भेजने वाले की जगह आयोग के निदेशक के रूप में विक्रम बत्रा का नाम लिखा है और हस्ताक्षर भी है. जांच में साफ हुआ कि विक्रम बत्रा नाम का कोई भी निदेशक केंद्रीय निर्वाचन आयोग में नहीं है और ऐसा कोई भी पत्र आयोग की ओर से जारी नहीं हुआ है.
पुलिस की जांच में यह पत्र पूरी तरह फर्जी पाया गया और आयोग ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए. इसके बाद बलिया और ललितपुर में अज्ञात लोगों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई और संदिग्धों की तलाश जारी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बने गुलाम नबी आजाद, हुड्डा और राज बब्बर
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