अहमदाबाद. गुजरात में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को मांग की कि प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार साल 2015 के पाटीदार आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी आपराधिक मामले 23 मार्च तक वापस ले. इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ऐसा करने में असफल रहती है तो आगामी 23 मार्च यानि कि बुधवार के बाद पूरे प्रदेश में प्रदर्शनों की शुरुआत की जाएगी. गौरतलब है कि साल 2015 में पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण देने के लिए आंदोलन हुआ था.हालांकि गुजरात में इस साल के अंत में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके साथ ही प्रदेश में पाटीदार समुदाय का उल्लेखनीय वोट बैंक है.
दरअसल, गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैं बचे हुए मामलों की वापसी की मांग एक कोटा आंदोलनकर्ता के रूप में उठा रहा हूं न कि कांग्रेस पार्टी के नेता के तौर पर. उन्होंने कहा कि ‘पाटीदार समुदाय के युवाओं का प्रदेश सरकार द्वारा काफी उत्पीड़न किया जा रहा है. हालांकि, हार्दिक ने दावा किया, ‘जब आनंदीबेन पटेल सूबे की मुख्यमंत्री थीं (जो कि अगस्त 2016 तक) तब वादे के मुताबिक लगभग 140 मामले वापस लिए गए थे. लेकिन उनके बाद सीएम बने विजय रुपाणी ने बाकी मामलों को वापस लेने का वादा किया था लेकिन उन्होंने इस मामले में कुछ भी नहीं किया. फिलहाल अभी लगभग 4000 युवाओं के खिलाफ करीब 200 मामले लंबित पड़े हुए हैं.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि सीएमभूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रमुख पाटीदार नेताओं और समुदाय के सांसदों ने इसे लेकर उनके सामने एक प्रस्तुति दी थी. इसके बावजूद फिर भी उन्होंने अब तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि पाटीदार युवाओं का उनके खिलाफ दर्ज फर्जी मामलों के कारण उत्पीड़न हो रहा है.उधर,सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने हार्दिक की इस विरोध-प्रदर्शन की धमकी को सिरे से खारिज कर दिया है.इस दौरान प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रुतविज पटेल ने कहा कि हार्दिक और उनकी पार्टी ने गुजरात में अपना राजनीतिक आधार खो दिया है. उन्होंने बताया कि वे केवल मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए इस तरह के चुनावी ‘स्टंट’ कर रहे हैं.
बता दें कि इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात सरकार आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज करीब 80 फीसदी मामले वापस ले चुकी है. इस दौरान उन्होंने बताया कि बीजेपी सांसदों ने हाल ही में मुख्यमंत्री ने बाकी बचे मामलों को वापस लेने का अनुरोध किया था. ऐसे मे जिन मामलों को कानून के तहत वापस लिया जा सकता है प्रदेश सरकार ऐसे सभी मामले वापस लेगी.उन्होंने कहा, “हार्दिक और कांग्रेस दोनों ने गुजरात में अपना राजनीतिक आधार खो दिया है. तभी तो खबरों में बने रहने के लिए हार्दिक इस तरह के राजनीतिक स्टंट कर रहे हैं. पाटीदार समुदाय अतीत में भी बीजेपी के साथ रहा और भविष्य में भी वह हमारे साथ रहेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात में सोमवार से सभी स्कूल और कॉलेज ऑफलाइन होंगे, ऑनलाइन पढाई की नहीं है इजाज़त
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