जयपुर. राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों की दूसरी सूची सोमवार देर शाम जारी की गई जिसके बाद सूबे में खेमों की राजनीतिक सुगबुगाहट फिर से तेज हो गई है. सियासी हल्कों में चर्चा है कि बड़े दावेदारों को छोटे पद मिलने से नाराजगी के सुर तेज हो गए हैं. वहीं पायलट कैंप के कई नेता नाखुश दिखाई दिए और पद को स्वीकार करने से सार्वजनिक तौर पर इनकार किया. वहीं सोमवार को जारी हुए राजनीतिक नियुक्तियों के नामों में गहलोत कैंप के नेता कम दिखाई दिए जबकि 67 सदस्यों में से आधे से ज्यादा नाम सचिन पायलट कैंप से हैं.
हालांकि पायलट खेमे के कई नेताओं का कहना है कि उन्हें जो उनकी पद की गरिमा के विपरीत नियुक्तियां दी गई हैं. इसके बाद कई नाखुश पायलट कैंप के नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए पद छोड़ने का भी ऐलान किया. बता दें कि कल हुई नियुक्तियों में बोर्ड, आयोग और निगमों के 7 अध्यक्ष और 3 उपाध्यक्षों की सूची में 3 नेता सचिन पायलट कैम्प से हैं.
सूची जारी होने के बाद पायलट कैंप के नेता राजेश चौधरी जिन्हें 20 सूत्री कार्यक्रम का सदस्य बनाया गया है उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर पद अस्वीकार कर दिया. चौधरी पहले राजस्थान कांग्रेस के सचिव रह चुके हैं. वहीं जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल भी व्यापार कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाने से नाराज हैं. इसके अलावा युवा कांग्रेस से काफी समय तक जुड़े रहे अभिमन्यु पूनिया को राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया जिसके बाद वह पार्टी से नाराज दिखाई दिए.
वहीं करण सिंह उचियारड़ा को राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है तो उन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर की है. पायलट खेमे से आने वाले एक और नेता सुशील आसोपा को बंजर भूमि एवं चारा का विकास बोर्ड का सदस्य बनाया है जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर ऐसा कोई भी पद लेने से मना कर दिया.
इसके साथ ही 3 बोर्ड अध्यक्षों की लिस्ट में पायलट कैंप के विधायक सुरेश मोदी को राजस्थान व्यापार कल्याण बोर्ड और गजराज खटाना को भवन एवं अन्य संनिर्माण राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं डॉक्टर अर्चना शर्मा को राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत फिलहाल दिल्ली की यात्रा पर हैं जहां उन्होंने रविवार को प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की. वहीं दूसरी तरफ सोमवार को बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियां की सूची जारी हुई है.
बता दें कि तीन सप्ताह पहले सीएम गहलोत ने राज्य में राजनीतिक नियुक्तियों की पहली सूची में 74 नेताओं के नाम जारी किए थे जिसके बाद भी पायलट खेमे के नेताओं को दरकिनार करने की चर्चाएं तेज हुई थी लेकिन अभ दूसरी सूची में पायलट समर्थकों को तवज्जो दी गई है हालांकि पदों को लेकर कुछ खींचतान जरूरी नजर आ रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान: बीजेपी विधायकों ने लौटाए गहलोत सरकार के दिए आईफोन-13, सरकार ने दिया यह जवाब
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