अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट ने एक याचिका को लेकर राज्य सरकार से खुले मैदानों में चलाए जा रहे स्कूलों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी. अदालत ने यह मामला तब उठाया जब मीडिया में आई खबरों में दिखाया गया कि कैसे स्कूली बच्चों को खुले में पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार ने टिप्पणी की कि हम जानना चाहते हैं कि कितने स्कूल खुले मैदान में पढ़ रहे हैं, स्कूली बच्चों को खुले में नहीं बैठना चाहिए. हम पूरे राज्य के लिए डेटा चाहते हैं.
अदालत ने सरकार से कहा कि वह जिले और तालुका के हिसाब से ब्योरा दें कि कितने सरकारी स्कूल किराए की जगह या खुली जगह में चलाए जा रहे हैं. हालांकि, सरकारी वकील ने कहा कि कोई भी स्कूल खुले में नहीं चल रहा है और वह विवरण प्रस्तुत करेगी.
पिछले साल की शुरुआत में, एचसी ने छोटा उदेपुर में एक प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को सर्दियों में खुले में पढ़ने के लिए मजबूर करने के मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर की थी क्योंकि उनके स्कूल की इमारत मानसून के दौरान गिर गई थी.
16 दिसंबर को वडोदरा के दौरे पर आए जीतू वघानी ने पत्रकारों से कहा था, जब भी जर्जर इमारतों की मरम्मत का अनुरोध होता है, सरकार इसे उठाती है. कई बार सर्दी के मौसम में स्कूलों में बच्चों को खुले में बिठाया जाता है. जब मैं छात्र था तो खुले में बैठकर पढ़ाई भी करता था. इसे अन्यथा लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह मामला मेरे दिमाग में है. बयान मीडिया में प्रकाशित हुआ और अदालत ने इसे गंभीरता से लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात के सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सेवाएं प्रभावित, 10,000 डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
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