नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध और आयात की परेशानियों की वजह से आशंका जताई जा रही थी कि इस बार खरीफ के सीजन में किसानों के सामने खाद का संकट पैदा हो सकता है. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है बल्कि इस बार तो जरूरत से 131 लाख मीट्रिक टन ज्यादा खाद उपलब्ध होने की उम्मीद है. रूस ने भी खाद को लेकर अपना वादा निभाया है और समय से पहले 3.60 लाख मीट्रिक टन खाद की सप्लाई कर दी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद के बढ़ते दामों को लेकर केंद्रीय उर्वरक सचिव राजेश चतुर्वेदी ने कहा कि जल्द ही कैबिनेट की बैठक में खाद की सब्सिडी को लेकर फैसला किया जाएगा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उर्वरक सचिव राजेश चतुर्वेदी ने बताया कि खरीफ के आगामी सीजन में 354.34 लाख मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता का अनुमान है. इसके मुकाबले 485.59 लाख मीट्रिक टन (LMT) खाद का इंतजाम कर लिया गया है. इसमें से 125.5 LMT खाद पहले से स्टॉक में है. 104.72 LMT का आयात किया जाएगा. बाकी 254.79 लाख मीट्रिक टन का घरेलू उत्पादन होगा. इस तरह जरूरत से कहीं ज्यादा खाद उपलब्ध रहेगी. खरीफ सीजन में खाद की कमी की कोई संभावना नहीं है.
खरीफ अभियान 2022 के लिए आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में उर्वरक सचिव ने बताया कि 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद 3.60 लाख मीट्रिक टन DAP (डाई अमोनियम फास्फेट) और NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) खाद हम रूस से लाए हैं. ये हमें प्राप्त हो चुका है या रास्ते में है. पिछले साल दिसंबर में रूस की एजेंसियों के साथ डील हुई थी कि वे अगले तीन साल तक 2.5 लाख मीट्रिक टन DAP और NPK सालाना सप्लाई करेंगी. वो (रूस) इस डील का सम्मान कर रहा है और हमें लगातार सप्लाई मिल रही है. रूस ने 4 लाख मीट्रक टन डीएपी, 10 LMT पोटाश और 8 लाख मीट्रिक टन एनपीके अतिरिक्त देने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने बताया कि रूस पर अमेरिका आदि देशों की आर्थिक पाबंदियां के मद्देनजर रूस को इस आयात का पेमेंट कैसे किया जाए, इसका हल निकाला जा रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, भारत के सार्वजनिक उपक्रमों और कंपनियों ने सऊदी अरब से इस साल 25 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके आयात करने का सौदा कर रखा है. उसकी सप्लाई भी शुरू हो चुकी है. 30 हजार मीट्रिक टन डीएपी हर महीने मिल रही है. ईरान भी अगले 3 साल तक 15 लाख मीट्रिक टन यूरिया सालाना सप्लाई करने पर सहमत हो गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भारत से कारोबार समेटने की तैयारी में दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी
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