नई दिल्ली. पत्रकार बोरिया मजूमदार पर बीसीसीआई ने दो साल का बैन लगा दिया है. मजूमदार और क्रिकेटर रिद्धिमान साह के बीच हुए विवाद के बाद साहा ने सोशल मीडिया पर स्क्रीनशाट शेयर कर मामले में मध्यस्थता करने की मांग की थी, जिसके बाद बीसीसीआइ ने राजीव शुक्ला, अरुण सिंह धूमल और प्रभतेज सिंह भाटिया की एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. जांच के बाद उन्हें दोषी पाया गया है, जिसके बाद उनपर दो साल का बैन लगा दिया गया है.
बोरिया को भारत में किसी भी खेल के लिए मीडिया मान्यता नहीं मिलेगी, उन्हें भारत में किसी भी पंजीकृत खिलाड़ी से कोई इंटरव्यू नहीं मिलेगा और उन्हें किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जाएगी. उन्हें स्टेडियम में एंट्री नहीं मिल सकेगी.
क्या था मामला?
इस साल फरवरी महीने में साहा ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ स्क्रीनशाट्स शेयर किए थे जिसमें दोनों के बीच हुए चैट थे. इसके बाद कई क्रिकेटर साहा के समर्थन में सामने आए थे और उनसे उस पत्रकार का नाम बताने की भी अपील की थी लेकिन शुरुआत में उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में पता चला कि वो और कोई नहीं बल्कि मशहूर खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार हैं. हालांकि उन्होंने अपनी तरफ से सफाई देते हुए रिद्धिमान साहा पर चैट के साथ छेड़-छाड़ करने का आरोप भी लगाया था. विवाद बढ़ता देख बीसीसीआइ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, बीसीसीआइ कोषाध्यक्ष अरुण कुमार धूमल और एपैक्स काउंसिल सदस्य प्रभतेज भाटिया शामिल थे. जांच में उन्हें दोषी पाया गया है और अब उन पर दो साल का बैन लगा दिया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आप का सनसनीखेज दावा- दिल्ली में चार मंदिरों को ध्वस्त करेगी केंद्र सरकार
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