नई दिल्ली. रेल जोनों द्वारा अपने स्टाफ को विभागीय प्रतियोगी परीक्षाओं व अन्य माध्यमों से दी जाने वाली पदोन्नति में लेटलतीफी का रुख अपनाने पर रेलवे बोर्ड ने आपत्ति जताते हुए सभी महाप्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए एक सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिये हैं. दरअसल इस मामले को आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाते हुए कहा था कि अधिकांश रेल जोनों द्वारा कर्मचारियों को पदोन्नति समय पर नहीं दी जा रही है, जिससे स्टाफ का मनोबल तो गिर ही रहा है, साथ ही उन्हें उनका वाजिब हक नहीं मिल पा रहा है.
इस संबंध में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सेक्रेट्री व डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि देश भर के रेल कर्मचारियों की यह समस्या सामने आ रही थी कि उन्हें विभागीय पदोन्नति (चयन/गैर-चयन)/ट्रेड टेस्ट/सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (एलडीसीई)/सामान्य विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (जीडीसीई) रिक्तियों को समय पर नहीं भरा जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को आथिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं वे हतोत्साहित हो रहे हैं. इस पूरे मामले को एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा द्वारा रेलवे बोर्ड के समक्ष जोरदार ढंग से उठाया गया, जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने एक आदेश 26 जून 2022 को जारी किया है.
यह है रेलवे बोर्ड का आदेश
रेलवे बोर्ड ने सभी रेल जोनों को जारी लेटर में कहा है कि एआईआरएफ द्वारा पीएनएम में बड़ी संख्या में रिक्तियों की मौजूदगी और उन्हें पदोन्नति (चयन/गैर-चयन)/ट्रेड टेस्ट/सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (एलडीसीई)/सामान्य विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (जीडीसीई) द्वारा समय पर भरने के संबंध में मामला उठाया गया है. रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि क्षेत्रीय रेलवे के जीएम और सीपीओ के साथ सीआरबी और सीईओ के मासिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, इस बात पर बार-बार जोर दिया गया है कि सभी रिक्तियों को समय पर चयन/उपयुक्तता/ट्रेड टेस्ट/ एलडीसीई/जीडीसीई आयोजित करके शीघ्रता से भरा जाना चाहिए.बोर्ड ने अपने लेटर में दोहराया है कि रेलवे को इसके लिए उपयुक्त कार्य योजना बनाकर रिक्तियों को समय पर भरने के लिए पदोन्नति के इन तरीकों का उदारतापूर्वक उपयोग करना सुनिश्चित करना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अव्यवस्थाओं, काम के बोझ में दबा रेलवे का C&W स्टाफ, WCREU ने कोचिंग डिपो में दिया धरना, की यह मांग
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