पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में भाई की मौत होने पर कालोनीवासियों ने अर्थी को कंधा नहीं दिया, तो दोनों बहनों ने भाई के शव को कार में लेकर ग्वारीघाट मुक्तिधाम पहुंच गई, जहां पर समाजसेवी संस्था गरीब नवाज कमेटी से आर्थिक स्थिति कमजोर होने का हवाला देकर अंतिम संस्कार करने के लिए मदद मांगी, इसके बाद पुलिस के आने के बाद गरीब नवाज कमेटी के सदस्यों ने अंतिम संस्कार कराया है.
बताया गया है कि विजय नगर में रहने वाली एकता दीवान व उनकी बहन नम्रता के भाई असीम की लम्बी बीमारी के चलते बीती रात 11 बजे के लगभग घर में मृत्यु हो गई, इस बात की खबर कालोनी में रहने वाले लोगों को लगी, इसके बाद भी कोई शव को कंधा देने के लिए तैयार नहीं था, जिसके चलते दोनों बहनों ने भाई के शव को कार की पिछली सीट पर रखा और ग्वारीघाट मुक्तिधाम अंतिम संस्कार के लिए पहुंच गई, इसके बाद समाजसेवी संस्था गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली से आर्थिक स्थिति कमजोर होने का हवाला देकर मदद मांगी, कार में दो युवतियों द्वारा लाश लाए जाने पर पहले ग्वारीघाट पुलिस को खबर दी गई, मौके पर पहुंची पुलिस को दोनों बहनों ने बताया कि भाई असीम की बीमारी के चलते मौत हो गई, रात भर वे शव लेकर घर में ही बैठी रही, लेकिन आसपास के लोगों ने कंधा देने से इंकार कर दिया, आर्थिक हालात कमजोर होने के कारण वे कार की पिछली सीट में भाई के शव को लेकर यहां पहुंची है, पुलिस ने संपूर्ण जांच दोनों युवतियों के भाई का अंतिम संस्कार कराया गया. युवतियों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए पुलिस अधिकारियों को यह भी जानकारी दी कि आर्थिक हालात कमजोर होने के कारण कोई उनके घर नही आता जाता है, कुछ वर्ष पहले मां व बड़ी बहन श्वेता की मौत हो चुकी है, पिता आरएस दीवान की मृत्यु भी बहुत पहले हो चुकी है. दोनों बहनें अपने भाई असीम के साथ रहती थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में आईटीबीपी के जवान नर्मदा नदी में बहा, साथियों ने अधिकारियों से छिपाई घटना
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