मुंबई. मुंबई की एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि की शिकायत में शिवसेना नेता संजय राउत को समन जारी किया है. जज पीआई मोखाशी ने राउत को सीआरपीसी की धारा 204 (ए) के तहत समन जारी करके 4 जुलाई, 2022 तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों और वीडियो क्लिप को देखकर प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया है, ताकि इसे बड़े पैमाने पर जनता देख सके और इसे अखबारों में जनता द्वारा पढ़ा जा सके. मानहानि की सामग्री देखते हुए प्रथम दृष्टया इस्तेमाल किए गए शब्दों से मेधा सोमैया की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है.
उल्लेखनीय है कि शिवसेना नेता संजय राउत ने मेधा सोमैया पर मीरा-भयंदर इलाके में 100 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मीरा-भयंदर नगर निगम द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में शौचालयों के निर्माण के लिए आवंटित धन का कथित तौर पर मेधा द्वारा अपने गैर-सरकारी संगठन युवा प्रतिष्ठान के माध्यम से दुरुपयोग किया गया. इन आरोपों के जवाब में मेधा ने राउत से अपना बयान वापस लेने और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए कहा था. शिवसेना नेता द्वारा माफी नहीं मांगने की स्थिति में मेधा ने उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का केस करने की चेतावनी दी थी. संजय राउत ने न अपना बयान वापस लिया और न ही माफी मांगी, जिसके बाद मेधा सोमैया ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
मेधा की शिकायत के अनुसार वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, रायगढ़ से जुड़े रुइया कॉलेज में 20 से अधिक वर्षों से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं और युवा प्रतिष्ठान नाम से एनजीओ भी चलाती हैं. आरोपी द्वारा मीडिया को दिए गए बयान नितांत मानहानिकारक हैं. आम जनता के बीच उनकी छवि खराब करने के लिए ये बयान जानबूझकर दिए गए. उन्होंने यूट्यूब चैनलों पर उपलब्ध कथित मानहानिकारक कॉन्टेंट के लिंक अदालत को मुहैया कराए. उन्होंने एक पेनड्राइव में वीडियो भी उपलब्ध करवाए जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 बी के तहत एक प्रमाण पत्र द्वारा समर्थित थे. अदालत ने मेधा सोमैया द्वारा दायर एक हलफनामे पर भी भरोसा किया. जज पीआई मोखाशी ने अपने आदेश में कहा कि आईपीसी की धारा 500 की सामग्री प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ साबित होती है.
मेधा सोमैया ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट से संजय राउत को नोटिस जारी करने तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं 499 और 500 के तहत मानहानि के आरोपों में उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि धारा 499 के तहत प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और दस्तावेजों को देखने से आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मानहानि के आरोप सही साबित होते हैं. फिर कोर्ट ने संजय राउत को सीआरपीसी की धारा 204 (ए) के तहत समन जारी कर 4 जुलाई तक पेश होने का आदेश दिया. गौरतलब है कि आईपीसी की धारा 499 मानहानि से संबंधित है, जबकि धारा 500 अपराध के लिए सजा का प्रावधान करती है, जो एक अवधि के लिए साधारण कारावास हो सकता है, जिसे 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों हो सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश, गोवा में शिवसेना साफ हो गई, संजय राउत ने कहा, लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई
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