दमोह. मध्य प्रदेश के दमोह जिले की समन्ना ग्राम पंचायत में जोनल अधिकारी की लापरवाही के चलते पोलिंग बूथ पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. बताया जा रहा है कि शनिवार को समन्ना ग्राम पंचायत के पोलिंग बूथ क्रमांक 36 पर मतदान के बाद सभी प्रत्याशी शाम 7 बजे अपने-अपने घर चले गए. रात 11 बजे किसी ने देखा कि पोलिंग बूथ पर मतगणना चल रही है और कोई प्रत्याशी वहां मौजूद नहीं है. इसके बाद वहां हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने पोलिंग बूथ को घेर लिया. हालांकि इससे पहले कि कोई अप्रिय घटना घटती, पुलिस मौके पर पहुंच गई.
जानकारी के अनुसार शनिवार रात करीब 11 बजे गांव की लाइट चली गई. इस वजह से लोग घरों से बाहर निकल आए. कुछ लोग बाहर टहलने भी लगे. इस बीच कुछ लोग टहलते हुए पोलिंग बूथ के पास जा पहुंचे. यहां उन्होंने चुनाव टीम की आहट सुनी. वे मौके पर गए तो देखा कि मतगणना चल रही है. इसके बाद उन लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. कुछ मिनटों में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और इलाका घेर लिया.
उन्होंने समन्ना स्कूल के दरवाजे को खोलने की कोशिश की. लेकिन जोनल अधिकारी ने काउंटिंग के दौरान स्कूल के दरवाजे नहीं खोले, इससे लोग और भड़क गए. इस शोर-शराबे के बीच मतगणना को रोकना पड़ा. दूसरी ओर, हंगामे की जानकारी मिलते ही पुलिस आनन-फानन में मौके पर पहुंच गई.
इसके बाद इस मसले पर प्रत्याशियों और मतदान टीम के बीच जब चर्चा हुई. इस चर्चा में पता चला कि पीठासीन अधिकारी पहले ही ये फैसला कर चुके थे कि यह पंचायत संवेदनशील होने की वजह से काउंटिंग जिला मुख्यालय पर होगी. लेकिन, सेंटर पर पहुंचे जोनल अधिकारी एमके प्रजापति ने किसी की नहीं सुनी और प्रत्याशियों की अनुपस्थिति में ही मतगणना शुरू करवा दी गई.
यह सुनकर प्रत्याशियों ने फैसला किया कि इस घटना की संपूर्ण जिम्मेदारी जोनल अधिकारी की है. उन्होंने मांग की कि जोनल अधिकारी अपनी गलती स्वीकार करें और यह लिखित रूप से दें कि जो भी घटनाक्रम हुआ वह उनकी गलती से हुआ. जिला मुख्यालय में अगर मतगणना के दौरान मतपत्र ज्यादा रिजेक्ट होते हैं या किसी अन्य तरह की कोई खामियां सामने आती हैं तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जोनल अधिकारी की होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हाईकोर्ट से पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष को झटका, छह वर्ष के लिए चुनाव लडऩे के लिए अयोग्यता का मामला
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