एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है या लोग कुतर्क भी करते हैं कि इतना बड़ा ज्योतिषी है तो अपना भाग्य क्यों नहीं बदलता उसके जीवन में परेशानियाँ क्यों हैं दुःख क्यों हैं.
इस सवाल के जवाब को एक लेख में समझ पाना और समझा पाना बहुत जटिल है, सबसे पहले तो सबसे बड़ी बात ये है कि दुःख और सुख आपके दृष्टिकोण पर निर्भर करता जो भी घटना जीवन में आपके साथ घटती है उसके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं ये आपके ऊपर है कि आप उसका कौन सा पहलू देख रहे हैं.
दूसरा संसार में हर चीज एक दूसरे से जुड़ी हुई है मैं कई ज्योतिषियों से मिला हूँ जिनके दुःख की प्रमुख वजह उनके दुःख नहीं उनके प्रियजनों के दुःख थे किसी को बेटे-बेटी की सरकारी नौकरी ना लग पाने का दुःख था तो किसी को उनकी शादी ना हो पाने का, साथ ही जब व्यक्ति किसी व्यक्ति की तरक्की से जलने लगता है तो उसके जीवन में दुःखों की बाढ़ आ सकती है और ये तरक्की किसी भी तरीके की हो सकती है आर्थिक तरक्की, सामाजिक तरक्की, आध्यात्मिक तरक्की आदि जीवन को करीब से देखेंगे तो आप पायेंगे आप किसी दूसरे व्यक्ति की वजह से ही दुःखी होंगे.
हर किसी की जीवन यात्रा एक अलग देश,काल,परिस्थिति से शुरू होती है और आपके जीवन की सफलता असफलता इस बात से तय होती है की जिस जहाँ से आपने यात्रा शुरू की थी उस जगह से आप कहाँ पर हो या कहाँ तक पहुँचे, अस्कर हम अपने जीवन की तुलना दूसरे के जीवन से करते हैं इसलिए उदास रहते हैं जबकि उसकी यात्रा शुरू ही अलग जगह से हुई होती है.
ज्योतिषी ना अपना भाग्य बदलता है ना ही किसी और का भाग्य बदलता है वो बस रास्ता दिखाता है और बुरे वक़्त में हिम्मत देता है, ज्योतिषी के द्वारा बताते गये उपाय भी जीवन में सकारात्मकता लाते हैं धैर्य को बढ़ाते हैं जिससे व्यक्ति के मन की उलझन कम होती है और उसे निर्णय लेने में आसानी होती है और जब व्यक्ति बिना उलझन कोई निर्णय लेता है तो उसके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
विपुल जोशीज्योतिषीय उपाय (ग्रह और आप)
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