महाराष्ट्र की राजनीति में आया नया ट्विस्ट, विधानसभा सचिव ने शिंदे-उद्धव के 53 विधायकों को भेजा नोटिस

महाराष्ट्र की राजनीति में आया नया ट्विस्ट, विधानसभा सचिव ने शिंदे-उद्धव के 53 विधायकों को भेजा नोटिस

प्रेषित समय :14:17:08 PM / Sun, Jul 10th, 2022

मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली, जिसके बाद प्रदेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल शांत होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसान नहीं है. अब महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया ट्विस्ट आ गया है, विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए शिवसेना के 55 में से 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं.

मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार ये नोटिस विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान व्हिप के उल्लंघन के आरोप में अयोग्यता कानून के तहत जारी किए गए हैं. इसमें विधायकों से 7 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है. ये कार्रवाई ऐसे समय सामने आई है, जब सुप्रीम कोर्ट में कल सोमवार को महाराष्ट्र के मसले पर अहम सुनवाई होनी है.

विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत की तरफ से शिवसेना के जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें शिंदे गुट के 39 और उद्धव गुट के 14 विधायक शामिल हैं. उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे को नोटिस जारी नहीं किया गया है. शिंदे गुट ने व्हिप के उल्लंघन के आरोप में बाकी विधायकों पर तो अयोग्यता की कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन आदित्य ठाकरे का नाम लिस्ट में नहीं लिखा था.

4 जुलाई को सदन में विश्वास मत से पहले एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने एक लाइन का व्हिप जारी करके सभी शिवसेना विधायकों से सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए कहा था. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने भी इसी तरह का व्हिप जारी किया, लेकिन सरकार के खिलाफ वोट देने का निर्देश दिया.

वोटिंग के दौरान शिंदे ने 164 विधायकों के बहुमत से विश्वास मत जीत लिया. शिंदे समर्थक शिवसेना के 40 विधायकों ने पक्ष में जबकि पार्टी के 15 विधायकों ने विपक्ष में वोट दिया था. इसके बाद गोगावले ने स्पीकर को अर्जी देकर विपक्ष में वोट देने वाले 14 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग कर दी. इसमें आदित्य ठाकरे का नाम नहीं था. वहीं उद्धव खेमे की तरफ से 39 विधायकों पर अयोग्यता कार्रवाई की मांग की गई.

इसी के बाद अब विधानसभा के प्रधान सचिव की तरफ से नोटिस जारी करके 53 विधायकों से उचित दस्तावेजों के साथ अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है. ये भी कहा गया है कि अगर 7 दिन में जवाब नहीं दिया तो ये मान लिया जाएगा कि विधायक के पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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