ग्वालियर. एमपी के ग्वालियर में एक घर में एक ही परिवार के 4 लोगों की लाश मिली है. मामला महाराजपुरा गांव का है. पुलिस यहां पहुंची, तो एक कमरे में जितेन्द्र वाल्मिकी नाम के शख्स और उसके 4 साल के बेटे के शव फंदे पर लटके मिले, तो पत्नी और डेढ़ साल की बेटी का शव जमीन पर मिला. जितेन्द्र वाल्मीकि ऐरा वर्ल्ड स्कूल में सफाई कर्मचारी था. उसने आठ दिन पहले ही किराए पर मकान लिया था. घटना का पता उस समय चला, जब सुबह से दरवाजा नहीं खुलने पर पड़ोसी ने घर के अंदर झांककर देखा.
पड़ोसियों से पूछताछ में सामने आया है कि गुरुवार रात सफाई कर्मचारी की सास घर आई थी. उसके बाद उनके बीच बहुत झगड़ा हुआ था. घटना स्थल पर शराब की बोतल और गर्भ निरोधक टैबलेट का खाली रैपर भी मिला है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि वारदात से पहले जितेंद्र ने शराब पी थी. घटना की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने चारों शवों को निगरानी में लेकर पीएम हाउस पहुंचा दिया है.
यह है पूरा मामला
गांव में राकेश गुर्जर के मकान में आठ दिन पहले जितेन्द्र कुमार वाल्मिकी किराए से रहने आया था. जितेंद्र की शादी 4 साल पहले नाका चन्द्रवदनी झांसी रोड की रहने वाले निर्जला (24) से हुई थी. उसके 4 साल का बेटा कुलदीप, डेढ़ साल की बेटी जान्हवी है. जितेन्द्र के पड़ोस में उसका दोस्त रवि माहौर भी किराए से रहता है. शुक्रवार सुबह जितेन्द्र काम पर नहीं गया था. दोपहर तक घर के दरवाजे बंद थे. बच्चे भी बाहर खेलते नहीं दिखे. इस पर उसने शुक्रवार शाम घर जाकर दरवाजा खटखटाया. खिड़की से अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था. अंदर जितेन्द्र और उसका 4 साल का बेटा फंदे पर लटके थे. जमीन पर पत्नी-बेटी के शव पड़े थे. इस पर रवि ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे.
मासूम का चल रहा था इलाज
मृतक जितेन्द्र की डेढ़ साल की बेटी जान्हवी पेट में छाले की परेशानी थी. पैदा होने के बाद से ही उसका इलाज चल रहा था. इसके लिए सफाई कर्मचारी ने कुछ महीने पहले 10 से 15 हजार रुपए उधार लिए थे, लेकिन वह भी उसने कुछ दिन पहले लौटा दिए थे.
आए दिन झगड़े होते थे घर में
बताया जाता है कि जितेन्द्र और उसकी पत्नी निर्जला के बीच लगातार झगड़े होते थे. यही कारण है कि उसने परिवार सहित यह आत्मघाती कदम उठा लिया. पुलिस अफसरों का कहना है कि एक दिन पहले भी झगड़ा हुआ था. जब निर्जला के माता-पिता दामाद को समझाने के लिए उनके घर पहुंचे थे. हालांकि पोस्टमार्टम हाउस के बाहर निर्जला के पिता ने रात को जाने से इनकार कर दिया.
चार महीने पहले ही लगी थी नौकरी
जितेन्द्र आर्थिक तंगी से काफी समय से परेशान था. उसके एक रिश्तेदार की मदद से चार महीने पहले ही स्कूल में सफाई कर्मचारी के रूप में नौकरी लगी थी. जिसके बाद वह धीरे-धीरे अपने घर गृहस्थी को संभालने लगा था. पर किसी को समझ नहीं आ रहा कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसने यह कदम उठा लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मप्र नगरीय निकाय चुनाव: जबलपुर से कांग्रेस और इंदौर, ग्वालियर में बीजेपी के महापौर के प्रत्याशी आगे
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