न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने ली देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने ली देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ

प्रेषित समय :11:24:08 AM / Sat, Aug 27th, 2022

दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को राष्ट्रपति भवन में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई. वे भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश हैं. जस्टिस एनवी रमण का सीजेआई के रूप में कार्यकाल 26 अगस्त को समाप्त हो गया था. इस दौरान राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.

देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में वह सिर्फ 74 दिन के लिए सर्वोच्च न्यायालय की कमान संभालेंगे. सीजेआई के रूप में जस्टिस यूयू ललित सुप्रीम कोर्ट की उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कौल, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल होंगी. जस्टिस बनर्जी के 23 सितंबर को रिटायर होने के साथ ही जस्टिस केएम जोसेफ कॉलेजियम में प्रवेश करेंगे. जस्टिस यूयू ललित 8 नवंबर को सीजेआई के रूप में रिटायर होंगे.

पूर्व सीजेआई जस्टिस एनवी रमण अपने 16 माह के कार्यकाल में जहां 29 भाषणों और दर्जनों टिप्पणियों के जरिए हमेशा चर्चा में रहे, वहीं जस्टिस यूयू अदालत से बाहर सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी बेहद कम टिप्पणियां करते हैं. यहां तक की अदालत में भी उनकी गिनी चुनी 1 या 2 टिप्पणियां ही सामने आई हैं. जस्टिस ललित शांत रहकर अपना काम करते हैं. न्याय के प्रति सम्मान बना रहे इसके लिए उन्होंने दर्जनों महत्वपूर्ण केसों की सुनवाई से दूर होने में एक पल भी नहीं लगाया. ऐतिहासिक अयोध्या-बाबरी केस की सुनवाई से भी उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था.

जस्टिस ललित का न्याय और कानून के क्षेत्र से जुड़ाव उनकी पैदाइश के साथ ही हो गया था. क्योंकि उनकी पीढ़ी दर पीढ़ी इस क्षेत्र में रही है. एक तरह से कह सकते हैं कि कानून और न्याय का ज्ञान उन्हें विरासत में मिला है. जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित एक सम्मानित वकील रहे हैं. इस सफर को उनके बेटे आरयू ललित ने एक कदम और आगे बढ़ाया और वह वकील से बॉम्बे हाईकोर्ट के जज नियुक्त हुए. जस्टिस यूयू ललित अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील रहे, फिर सुप्रीम कोर्ट के जज बने और अब देश के मुख्य न्यायाधीश पद तक पहुंचे हैं.

जिस वक्त जस्टिस यूआर ललित बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में एडिशनल जज के पद से सेवानिवृत हुए, उस समय जस्टिस यूयू ललित की आयु 19 वर्ष थी और वह अपनी उच्च स्कूली शिक्षा पूर्ण कर चुके थे. विरासत में मिले वकालत के पेशे का असर जस्टिस यूयू ललित पर भी रहा और स्कूली शिक्षा के बाद वह इसी राह पर आगे बढऩे लगे. उन्होने मुंबई के गर्वमेंट लॉ कॉलेज में एलएलबी के लिए एडमिशन लिया. 1983 में लॉ की डिग्री मिलने के बाद जस्टिस यूयू ललित जून 1983 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा में वकील के रूप में रजिस्टर्ड हुए. तब शुरू हुआ वकालत का सफर अब देश के मुख्य न्यायाधीश पद तक पहुंच गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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