पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में सेन्ट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल क ी संचालिका दुहिता पाठक व उनके पति डाक्टर अश्वनी पाठक को पुलिस ने आज न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड पर ले लिया है. डाक्टर अश्वनी पाठक ने होटल को अस्पताल में तब्दील कर सर्दी-खांसी से पीडि़तो आयुष्मान कार्डधारियों को भरती कर लिया. जिन्हे गंभीर बीमारी होना बताकर आयुष्मान योजना से करोड़ों रुपए हड़पे है. डाक्टर पाठक दम्पति द्वारा किए गए फर्जीवाड़ा के बाद होटल को सील कर अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार राइट टाउन स्थित सेेंट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल के बाजू में स्थित होटल वेगा को भी अस्पताल में तब्दील कर दिया. यहां पर डाक्टर ने आयुष्मान कार्ड धारियों को भरती कर लिया. जबकि उन्हे कोई ऐसी बीमारी नहीं थी कि भरती किया जा सके. उन्हे गंभीर बीमारी का रोगी बनाकर आयुष्मान योजना का लाभ पाने सारा खेल रचा. डाक्टर दम्पति दुहिता पाठक व अश्वनी पाठक ने इस तरह से केन्द्र की जनकल्याणकारी योजना का फर्जी तरीके से लाभ उठाकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया. इस बात का खुलासा पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा दी गई दबिश में हुआ था. इसके बाद उक्त होटल वेगा को सील कर दिया गया है. वहीं सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर संचालिका दुहिता पाठक व उनके पति डाक्टर अश्वनी पाठक को गिरफ्तार कर लिया गया. डाक्टर पाठक दम्पति को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड पर ले लिया है. पुलिस ने डाक्टर अश्वनी कुमार पाठक एवं श्रीमती दुहिता पाठक के विरूद्ध् अपराध क्रमंाक 507, 2022 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 474, 34 भादवि एवं धारा 8, 8, 9, 10 मध्य प्रदेश उपचारगृह तथा रुजोपचार संबंधी स्थापनाये रजिस्ट्रीकर तथा अनुज्ञापन अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 संशोधन अधिनियम 2008 के अपराध पंजीबद्ध किया है.
एक नजर डाक्टर अश्वनी पाठक द्वारा किए गए फर्जीवाड़ा पर-
होटल वेगा का प्रथम तल एचडीयू के रूप में संचालित था, जिसमें 12 मरीज आयुष्मान योजनान्तर्गत भर्ती रहे. जिनमें से दो संदिग्ध मरीजों श्रीमती एलियन बाई ने बताया कि उसे 25 अगस्त को उल्टी दस्त-पेट दर्द के कारण भर्ती किया गया, जबकि आयुष्मान में एकेआईके अंतर्गत भर्ती बताया गया. इसी तरह भर्ती मरीज श्रीमती मधु बाई ने बताया कि उनको 24 अगस्त को 24ण्08ण्2022 दिन बुधवार को पेट दर्द एवं उल्टी के कारण भर्ती किया गया जबकि आयुष्मान मे हैपेटाइटिस बी के तहत भर्ती बताया गया है . मरीज से संबंधित फाईल मांगने पर उक्त मरीज की फाईल उपलब्ध नहीं कराई गई है. इसी तरह अन्य मरीजों को भी गंभीर बीमारियों का शिकार होना बताकर आयुष्मान योजना के तहत सरकार का रुपया वसूलने का सारा खेल रचा जाता रहा.
उन डाक्टर व पैथालाजिस्ट के नाम, जो अस्पताल छोड़ चुके है-
फर्जी तरीके से भरती किए गए मरीजों की फाइल में डाक्टर एस भगत का जांच कराना दर्शाया गया. लैब डायरेक्टर के रुप में डाक्टर वंदना खन्ना व पैथालाजी डाक्टर संजय तोतड़े का नाम लिखा था. इन सभी से जब पूछताछ की गई तो उन्होने लिखित में कहा कि उन्होने यहां पर सेवाएं देना बहुत पहले बंद कर दी है. कुल मिलाकर फर्जीवाड़ा करने के लिए इन सभी के नाम का इस्तेमाल किया गया था.
100 करोड़ तक का भुगतान प्राप्त किए जाने की खबर-
चर्चाओं में यहां तक कहा जा रहा है कि डाक्टर अश्वनी पाठक आयुष्मान योजना का लाभ पाने के दलालों के माध्यम से आयुष्मान कार्डधारियों को अपने होटल के कमरों में एक हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भरती करता रहा. जिन्हे गंभीर बीमारी होना बताकर इलाज किया जाता, इसके बाद शासन से मरीज के नाम पर भुगतान प्राप्त करता रहा. लम्बे समय से फर्जीवाड़ा कर रहे डाक्टर अश्वनी पाठक द्वारा अभी तक 100 करोड़ का भुगतान प्राप्त किया है. डाक्टर दम्पति ने केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजना में फर्जीवाड़ा कर कितना रुपया हड़पा है यह जो आने वाले दिनों में पुलिस की जांच में खुलासा होगा.
हो सकते है कई और चेहरे बेनकाब-
डाक्टर अश्वनी पाठक द्वारा आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करके करोड़ों रुपए का लाभ ले रहा था. सूत्रों की माने तो यह सारा खेल बड़े ही सुनियोजित तरीके से खेला जा रहा था. जिसमें ऐसे चेहरे भी शामिल है जो आज डाक्टर के खिलाफ कार्यवाही की बात कर रहे है. पुलिस रिमांड में होने वाली पूछताछ में ऐसे और भी नाम उजागर हो सकते है. जिनके खिलाफ पुलिस कार्यवाही करेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में स्कूली बच्चों से भरी बस अनियंत्रित होकर पलटी, मची चीख पुकार
जबलपुर में लग्जरी कार ने उगला 10 लाख रुपए का गांजा, एक तस्कर गिरफ्तार
जबलपुर में सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल, शीतल छाया अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त
Leave a Reply