कोटा. नई परिचालित गाड़ी सं. 20957/20958 के वर्किंग को लेकर पश्चिम मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे एवं पश्चिम रेलवे के टिकट चैकिंग एवं रनिंग स्टाफ के बीच चल रहे विवाद के निस्तारण एवं पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल के कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिये आज सोमवार 5 सितम्बर को वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव के नेतृत्व में यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने माननीय लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी से उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर भेंट कर अपनी मांगों से उन्हें अवगत कराया.
सहायक मंडल सचिव नरेश मालव ने बताया कि महामंत्री मुकेश गालव ने लोकसभा अध्यक्ष को तथ्यों के साथ अवगत कराया कि कोटा-नई दिल्ली-कोटा एवं कोटा-रतलाम-कोटा के मध्य ज्यादातर हिस्सा पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल का है, जिसमें इस मंडल के चैकिंग एवं रनिंग स्टाफ द्वारा वर्षों से कार्य किया जा रहा है. मालगाडिय़ों में शतप्रतिशत वर्किंग कोटा मंडल का स्टाफ करता है, लेकिन उत्तर रेलवे एवं पश्चिम रेलवे द्वारा प्रत्येक नई रेलगाड़ी के परिचालन पर अपना अधिकार जमा कर कोटा मंडल के स्टाफ को वर्किंग नहीं देते हुये जबरन उनके द्वारा वर्किंग की जा रही है, जो कि रेल की संरक्षा एवं सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयुक्त नहीं है. साथ ही कोटा मंडल के कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसरों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है.
डबलूसीआरईयू महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि वर्तमान में नई परिचालित गाड़ी सं. 20957/20958 में इन तीनों रेलवे के बीच वर्किंग को लेकर लगातार विवाद की स्थिति है, जिसमें उत्तर रेलवे एवं पश्चिम रेलवे द्वारा जबरन उनका स्टाफ इन गाडिय़ों में लगया जा रहा है. महामंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष से मांग की कि पूर्व की भांति वे इस पर संज्ञान लेकर कोटा मंडल के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करवायें और सभी गाडिय़ों का वर्किंग कोटा मंडल के स्टाफ से करवाने के आदेश रेलवे बोर्ड द्वारा जारी करवायें जायें जिस पर लोक सभा अध्यक्ष ने रेलमंत्रालय से वार्ता कर यथाशीघ्र प्रकरण के निस्तारण का आश्वासन यूनियन को दिया है. प्रतिनिधि मंडल में मंडल उपाध्यक्ष कॉम अजय शर्मा, राजमल शर्मा, बी डी रजक, शशिपाल सिंह, हरनाम सिंह, बी के सैनी, रघुवीर मालव, मो शादाब, शाकिर, अशोक सैनी, वी के सिंह, पी एस मिश्रा, राशिद खान, बी एम मीणा सहित चेकिंग और रनिग स्टाफ के कई साथी उपस्थित रहे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बाल श्रम राष्ट्रीय व सामाजिक कलंक, बढ़ती संख्या चिंता का विषय: मुकेश गालव
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