पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी-2 के लान्चिंग अवसर पर कहा कि प्रदेश के हर जिले में एक सड़क का नाम लाड़ली लक्ष्मी रोड किया जाएगा. उन्होने यह भी कहा कि बेटी होती तो मुंह उतरा जाता था. सीएम बना तो सोचा कि बेटियों को लखपति बनाना है.
सीएम शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल के स्मार्ट पार्क में लाड़ली लक्ष्मी योजना-टू के लॉन्चिंग अवसर पर कहा कि हमारी देख में अब तक बड़े लोगों, महापुरुषों के नाम पर रोड का नाम रखने की परम्परा रही. मैं सोचता हूं कि मेरी लाड़ली लक्ष्मी बेटियां तो बड़ी होकर प्रदेश का भविष्य बनाएगी, देश का भविष्य गढ़ेगी. इसलिए एक सड़क का नाम लाड़ली लक्ष्मी रोड रख दिया जाए. आज हमने भारत माता चौराहे से लेकर पॉलिटेक्निक चौराहे तक, जिसमें यह स्मार्ट पार्क भी आता है जहां मैं रोज पेड़ लगाता हूं. यह स्मार्ट रोड था मैंने कहा यह स्मार्ट रोड नहीं होगा यह लाड़ली लक्ष्मी रोड कहा जाएगा. सीएम ने कहा आज मेरी खुशी का अंदाजा नहीं लगा सकते कि मैं कितना गदगद हूं. आज मेरी वो लाड़ली लक्ष्मी बेटियां बैठी हैं. जिनमें से कई को मैंने गोद मे खिलाया, आज वे कॉलेज में पहुंच गई हैं. कई बेटियों को में गोद में लेता था, उछलता था. यहां 51 हजार गांवों में लाडली लक्ष्मी बैठी हैं. उन्होने कहा कि मेरे जैत गांव की आबादी 1000 है. यहां पर बेटा पैदा हो जाए तो खुशियां मनाई जाती रही. बड़े लोगों के घरों में बंदूके चलती रही. यदि किसी घर में बेटी पैदा हो तो परिजनों का मुंह बन जाता था, यह भेदभाव भगवान ने नहीं इंसान ने बताया है. सीएम श्री चौहान ने आगे कहा कि 1990 में विधायक बनने के बाद पदयात्रा कर रहा था, इस दौरान बोरना गांव पहुंचा तो बताया गया कि एक बेटी है उसके माता-पिता नहीं है, सरकार से मदद करा दें. मैने अपने दोस्तो से कहा कि शादी का पूरा इंतजाम करों. जब मंडीदीप से बारात आई तो बाराती आश्चर्यचकित हो गए कि बिन मां-बाप की बेटी ही इतनी भव्य शादी. इसके बाद मैं अपने इलाके में शादियां कराने लगा, सांसद बना तो लोकसभा से मिलने वाले भत्ते से बेटियों की शादी कराई. यह सिलसिला चलता रहा लेकिन मेरे दिमाग में यही बात थी कि बेटियों को लखपति बनाया जाए. 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने सोच लिया कि बेटियों को लखपति बनाने के लिए काम करना है. फिर मैंने अधिकारियों को बुलाया और कहा कि ऐसी योजना बनानी है कि बेटी पैदा हो तो लखपति पैदा हो. मेरी बात सुनकर अफसर सोच रहे थे. नया-नया मुख्यमंत्री बना है, ज्यादा जोश आ रहा है. अफसर कहते थे हो ही नहीं सकता, खजाना खाली हो जाएगा. फिर योजना बनाई की बेटी के जन्म के साथ माता-पिता के खाते में 30 हजार डाल दें तो ब्याज बढ़ते-बढ़ते 18 साल की होने तक 1 लाख 18 हजार राशि हो जाएगी. फिर एक बात आई कि बेटी को पढ़ाना भी चाहिए. तो पढ़ाई होते-होते 12वीं तक के लिए अलग.अलग राशि तय कर दी.
बेटियों के नाम पर पथ का नाम दुनिया में शायद पहली बार हो रहा-
सीएम श्री चौहान ने स्मार्ट पार्क में आयोजित लाड़ली लक्ष्मी वाटिका कार्यक्रम में मौजूद बेटियों से कहा कि आज मेरी बेटियों के नाम पर पथ का नाम ये शायद दुनिया में पहली बार हो रहा होगा. बेटियों के नाम पर रोड का नाम, दोनों तरफ लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रचार-प्रसार उसके लाभ और दोनों तरफ बेटियों के सशक्तिकरण की योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार होगा. बेटियों के सम्मान से बढ़कर कोई और दूसरा सम्मान नहीं है. बेटियों का सम्मान नहीं होगा तो देश और प्रदेश कभी भी सुखी नहीं रह सकता.
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