दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों को निपटाने के लिए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने 13 पीठों में से प्रत्येक के समक्ष प्रतिदिन 10 जमानत याचिकाओं और 10 स्थानांतरण याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का आदेश देकर लगभग 70,000 लंबित मामलों को दूर करने के लिए एक धीमी और स्थिर तंत्र को अपनाया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने खुली अदालत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की एक फुल कोर्ट की बैठक में देखा गया कि मामलों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली 3,000 से अधिक याचिकाएं लंबित हैं.
उन्होंने कहा कि हमने फैसला किया है कि 13 पीठों में से प्रत्येक प्रतिदिन 10 स्थानांतरण याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी, जो एक सप्ताह में 650 मामलों होते हैं. इस प्रकार, सभी लंबित स्थानांतरण याचिकाओं को 5 सप्ताह में निपटाया जा सकता है, जो कि इस वर्ष के अंत से पहले निपट जाएंगी.
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जमानत याचिकाओं को जल्द सूचीबद्ध करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें अभियुक्तों की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है. उन्होंने कहा कि यह भी तय किया गया था कि प्रत्येक बेंच रोजाना कम से कम 10 जमानत याचिकाएं सुनेंगी, इसके अलावा अन्य सौंपे गए मामले भी होंगे. इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की 13 में से प्रत्येक पीठ उनके सामने सूचीबद्ध अन्य मामलों के अलावा रोजाना 20 स्थानांतरण और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी.
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी आश्वासन दिया है कि बेंचों पर अधिक बोझ नहीं डाला जाएगा, यह एक ऐसा आश्वासन है जो एक दिन में विभिन्न संयोजनों में न्यायाधीशों के बीच भारी काम के बोझ के बारे में आम सहमति को आश्वस्त करेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार, यह कहा
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