कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा में नगर निगम विधि अधिनियम में संशोधन किया है. इसके तहत अब अगर सड़क पर पशु अवारा घूमते मिले तो पशुपालकों को एक हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. इसके लिए पशुपालकों से नगर निगम प्रशासन द्वारा संकल्प पत्र भरवाएं जा रहे हैं और उन्हें अपने पशुओं को सड़कों पर खुला छोडऩे के लिए रोका जा रहा है. साथ ही पशुओं के मालिकों को सड़क सुरक्षा जिम्मेदारी के प्रति निर्वहन करने को कहा जा रहा है. इसके साथ प्रशासन द्वारा पशुपालकों का विस्तृत सर्वे भी कराया जा रहा है.
कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन तथा आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय के दिशा निर्देशन में नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर की सड़कों को मवेशीमुक्त करने की दिशा में ठोस कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है. सड़कों पर स्वच्छंद विचरण कर दुर्घटना का कारण बनने व आवागमन बाधित कर आम नागरिकों के समक्ष असुविधा की स्थिति पैदा करने वाले आवारा पशुओं पर नियंत्रण करने व सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के मद्देनजर कलेक्टर ने इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोसाबाड़ी चौक से बुधवारी चौक तक, कोसाबाड़ी चौक से तानसेन चौक तक व तानसेन चौक से जैन मंदिर चौक तक के मुख्य मार्ग को मवेशीमुक्त मार्ग बनाने के लिए निर्देशित किया है.
नगर निगम प्रशासन द्वारा इस पर ठोस कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है, जिसके तहत शहर में स्थित मवेशी पालन बस्तियों को चिन्हित करते हुए मवेशीपालकों का सर्वे कराया जा रहा है. उनसे इस आशय का संकल्प पत्र भरवाया जा रहा है कि वे अपने पालतू मवेशियों को सड़कों, सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छंद विचरण के लिए खुला नहीं छोड़ेंगे. इसके साथ ही प्रशासन द्वारा इन सड़कों में सूचना बोर्ड भी लगाए जाएंगे, जिसके माध्यम से पशुपालकों को सचेत किया जाएगा कि वे अपने मवेशियों को सड़कों पर खुला न छोड़ें अन्यथा एक हजार रुपये का अर्थदंड भरना पड़ेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छत्तीसगढ़: बिलासपुर में बिजली कार्यालय के एटीपी ऑपरेटर को बेहोश कर 13 लाख रुपये की लूट
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