अभिमनोजः सीएम नीतीश कुमार की साफ बात- दारू पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी, एक पैसा नहीं देंगे?

अभिमनोजः सीएम नीतीश कुमार की साफ बात- दारू पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी, एक पैसा नहीं देंगे?

प्रेषित समय :21:06:59 PM / Fri, Dec 16th, 2022

पल-पल इंडिया. शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब से मौतों की खबरें जारी है और इस बीच जब विपक्ष ने मुआवजे का मुद्दा उठाया तो सीएम नीतीश कुमार का साफ कहना था कि- दारू पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी, एक पैसा नहीं देंगे?
उनके इस बयान के बाद जहां विपक्ष उन पर निशाना साध रहा है, वहीं अनेक लोग उनकी बात का समर्थन भी कर रहे हैं!
दरअसल, शराब की लत के कारण जहां अनेक परिवार बर्बाद होते रहे हैं, वहीं शराबबंदी ने अनेक परिवारों को राहत भी दी है, लिहाजा बड़ा सवाल यह है कि जहरीली शराब से मौत को लेकर केवल सवाल उठाना और मुआवजे की मांग करना कितना सही है?
आश्चर्यजनक बात यह है कि शराबबंदीवाला राज्य बिहार हो या गुजरात, दोनों राज्यों में हालात एकजैसे हैं, लेकिन बिहार विधानसभा में लगातार तीसरे दिन जमकर हंगामा हुआ, कुर्सियां पटकीं गईं और विपक्ष सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राजभवन भी पहुंच गया?
खबरें हैं कि नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की अगुवाई में विपक्ष के नेताओं ने राजभवन मार्च निकाला, राज्यपाल से मुलाकात कर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी कर डाली!
यही नहीं, विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जो भी सरकार की विफलता से, अपराधियों की गोली से या जहरीली शराब से मरता है, उसको सरकार मुआवजा दे, इसके लिए कानून बनाए?
खबरों की मानें तो नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सदन में पीड़ित परिवार को 10-10 लाख मुआवजा देने की मांग उठाई, जिस पर नीतीश कुमार ने कहा कि- दारू पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी, एक पैसा नहीं देंगे!
उधर, एक्साइज डिपार्टमेंट की 7 टीमों की छापेमारी में 48 घंटे में 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
याद रहे, नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा था कि- जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं, सबको अलर्ट रहना चाहिए, क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही, जो शराब पियेगा वो मरेगा!
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जहरीली शराब से किसी भी राज्य में मौतों को लेकर सियासी नजरिया नहीं होना चाहिए, कोशिश यह होनी चाहिए कि किसी भी राज्य को जहरीली शराब के कहर से कैसे बचाया जाए, क्योंकि जहरीली शराब से मौतें तो उन राज्यों में भी होती रही हैं, जहां शराबबंदी नहीं है?
आश्चर्यजनक खबर तो यह है कि जहरीली शराब से 2016 से लेकर 2021 तक, छह वर्षों में करीब सात हजार मौते हुई हैं, जिनमें से करीब एक तिहाई मौतें बीजेपी शासित राज्य- मध्यप्रदेश और कर्नाटक में हुई हैं, जबकि सबसे कम बिहार में हुई हैं!
अभिमनोजः शराब पर राष्ट्रीय स्तर पर नीति बने! सैद्धांतिक नहीं, प्रायोगिक आधार पर शराबबंदी निर्णय लेना चाहिए?
https://www.palpalindia.com/2022/12/15/New-Delhi-Nitish-Kumar-Poisonous-liquor-Experimental-basis-Liquor-ban-Policy-at-national-level-news-in-hindi.html
नीतीश कुमार, गुजरात में शराबबंदी का मोदी मॉडल क्यों नहीं अपनाते?
https://twitter.com/Pradeep80032145/status/1603288991285276673
गांधीजी को जहरीला सम्मान! या तो पूरे देश में शराबबंदी हो या फिर गुजरात शराबबंदी की समीक्षा हो?
https://palpalindia.com/2022/08/23/gujrat-gandhiji-poisonous-respect-shrabbandi-across-country-gujrat-prohibition-review-news-in-hindi.html
बिहार में शराबबंदी! अच्छा प्रयास, लेकिन कामयाबी आसान नहीं?
https://palpalindia.com/2022/02/28/Bihar-Chief-Minister-Nitish-Kumar-alcohol-prohibition-good-effort-political-loss-news-in-hindi.html

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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