रांची. झारखंड में हुए एक हजार करोड़ से ज्यादा का अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कहा है कि जांच प्रभावित करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू और महाधिवक्ता ने ईडी अधिकारियों की जासूसी कराई है. ईडी ने झारखण्ड हाइकोर्ट में मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार और महाधिवक्ता के बीच हुई बातचीत का पूरा ब्योरा हलफनामे में दिया गया है.
ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट को बताया है कि अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित केस में जांच को बाधित करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद और महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से जासूसी कराई गई है. हाईकोर्ट में इसे लेकर ईडी की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में इन दोनों के बीच टेलीफोनिक बातचीत का एक ट्रांसस्क्रिप्ट भी सौंपा गया है. इसमें दोनों के बीच ईडी के अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने पर बात हुई है. ईडी के इस चौंकाने वाले खुलासे से पूरी जांच में एक नया मोड़ आ सकता है.
ईडी की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि साहिबगंज जिला अंतर्गत बड़हरवा में टोल प्लाजा के टेंडर को लेकर हुए विवाद में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने पर इसकी जांच की जा रही है. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने महाधिवक्ता राजीव रंजन से फोन पर बात की, जिसमें कहा गया है कि एक ऐसा आदमी दीजिए, जो ईडी के अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखे. उनकी जासूसी करे. यह बातचीत बीते 22 जुलाई को हुई है. 355 सेकेंड की इस बातचीत का पूरा ब्योरा हलफनामे में दिया गया है.
इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सुनवाई निर्धारित है. इस हलफनामे में यह भी बताया गया है कि 1,000 करोड़ रुपए के अवैध खनन घोटाले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजे गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र से भी इन दोनों की बातचीत हुई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने महाधिवक्ता से इस बात की जानकारी जुटाने को कहा था कि विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से ईडी ने पूछताछ में क्या-क्या सवाल किए हैं.
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने हाईकोर्ट में बताया है कि न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान पंकज मिश्रा ने कई अधिकारियों से बातचीत की है. जानकारी के अनुसार ईडी ने ये भी दावा किया है कि सरकार के कानूनी सलाहकार ने अपने एक करीबी को न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से मिलने के लिए जेल में भी भेजा था. वहीं इस पूरे मामले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आखिर अपराधियों को बचाने के लिए किस हद तक जा रही है सरकार, उन्होंने कहा कि ऐसे एडवोकेट जनरल को हटा देना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी के सहायक निदेशक पर तथ्यों को छिपाने का आरोप, FIR दर्ज
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