शशि थरूर ने मुशर्रफ को बताया शांति की असली ताकत, भाजपा के साथ ही कांग्रेस नेता ने सुनाई खरी-खोटी

शशि थरूर ने मुशर्रफ को बताया शांति की असली ताकत, भाजपा के साथ ही कांग्रेस नेता ने सुनाई खरी-खोटी

प्रेषित समय :18:09:53 PM / Sun, Feb 5th, 2023

दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक ट्वीट पर बवाल खड़ा हो गया है. थरूर ने मुशर्रफ को शांति के लिए असली ताकत बताया है. थरूर के इस ट्वीट को लेकर भाजपा के नेता तो उन पर निशाना साध ही रहे हैं, वहीं कांग्रेस के नेता ने भी खरी-खोटी सुना दी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि कभी भारत के कट्टर दुश्मन रहे मुशर्रफ 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे. शशि थरूर ने आगे कहा कि मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों उनसे हर साल मुलाकात की थी और उन्हें चतुर तथा अपने कूटनीतिक विचारों में स्पष्ट पाया था. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें.

शशि थरूर की ओर से किए गए इस ट्वीट पर अब हंगामा खड़ा हो गया है. उनके इस बयान को लेकर भाजपा ने उन पर निशाना साधा है. वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता ने भी शशि थरूर को खरी-खोटी सुना दी. शशि थरूर के ट्वीट पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि परवेज मुशर्रफ, कारगिल का वास्तुकार, तानाशाह, जघन्य अपराधों का आरोपी, जिसने तालिबान और ओसामा को भाई और नायक माना, जिसने अपने ही शहीद सैनिकों के शवों को वापस लेने से इनकार कर दिया था, उसकी कांग्रेस की ओर से तारीवऊ की जा रही है. आश्चर्य हो रहा है? एक बार फिर कांग्रेस की पाक परस्ती.

थरूर के इस बयान के बाद कांग्रेस के ही नेता संदीप दीक्षित ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई है. संदीप दीक्षित ने शशि थरूर के ट्वीट पर कहा है कि जो आदमी लोकतंत्र को खत्म करने का दोषी था और तानाशाही लाया था, वह शांतिदूत कैसे हो सकता है. संदीप ने कहा है कि जिस आदमी ने लोकतंत्र खत्म कर तानाशाही लायी हो वो शांतिदूत कैसे हो सकता है. इतना ही नहीं संदीप ने थरूर पर निशाना साधते हुए कारगिल का युद्ध भी याद दिलाया है. उन्होंने कहा कि जब वाजपेयी शरीफ से बात कर रहे थे, वह कारगिल का जिम्मेदार बना था.

भारत के तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए संदीप ने कहा कि जब परवेज स्टेट हेड बना था तो कुछ मामलों में वाजपेयी को उससे बात करनी पड़ी थी. उन्होने कहा कि अब जब वो स्टेट हेड हो गया तो कुछ मसलों पर वाजपेयी ने बात कर ली, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि, वो शांतिदूत हो गया. वो लोकतंत्र का हत्यारा ही रहेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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