चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक बहुत अच्छा फैसला!

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक बहुत अच्छा फैसला!

प्रेषित समय :21:58:43 PM / Fri, Mar 3rd, 2023

अभिमनोज. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने गुरुवार को एक बहुत अच्छा फैसला सुनाते हुए कहा कि- मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल करेगा, जिसमें प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष (सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता) शामिल रहेंगे.
पिछले कुछ समय से जिस तरह बड़ी-बड़ी संस्थाएं सत्ता के दबाव में नजर आ रही हैं, उसके मद्देनजर भारतीय प्रजातंत्र की सुरक्षा की दृष्टि से यह ऐतिहासिक फैसला है.
खबरें हैं कि.... सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2018 को इस संबंध में दाखिल सभी याचिकाओं को क्लब कर दिया था और संवैधानिक बेंच में मामला ट्रांसफर कर दिया था, नवंबर 2022 में इन याचिकाओं पर लगातार सुनवाई हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
एक याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने सुनवाई के बीच अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया था.
खबरों की मानें तो.... जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति पर आश्चर्य भी जताया, जस्टिस जोसेफ ने अपने फैसले में लिखा- हम इस बात से थोड़ा हैरान हैं कि अधिकारी ने 18 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कैसे किया था, अगर उन्हें नियुक्ति के प्रस्ताव के बारे में पता नहीं था.
उल्लेखनीय है कि साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि- चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का अधिकार अभी केंद्र के पास है, जो संविधान के अनुच्छेद-14 व अनुच्छेद 324 (2) का उल्लंघन करता है.
टीएन शेषन जैसे चुनाव आयुक्त की देश को जरूरत है....
खबरों पर भरोसा करें तो सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकार और याचिकाकर्ताओं के बीच जोरदार बहस हुई थी, जहां अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमन का कहना था कि- पहले के बनाए गए सारे नियमों का पालन किया जा रहा है, इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया जाए, अदालत ने इस दौरान टिप्पणी करते हुए कहा था कि- टीएन शेषन जैसे चुनाव आयुक्त की देश को जरूरत है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि- चुनाव आयोग को कार्यपालिका की अधीनता से अलग करना होगा, लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखी जानी चाहिए, वरना इसके अच्छे परिणाम नहीं होंगे, वोट की ताकत सुप्रीम है और इससे मजबूत से मजबूत पार्टियां भी सत्ता हार सकती हैं, इसलिए वोट देने के माध्यम चुनाव आयोग को स्वतंत्र होना जरूरी है.
पल-पल इंडिया ने तो अनेक बार कहा है- काश, टीएन शेषन होते?  
https://twitter.com/Pradeep80032145/status/1626970973273747456

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: पीएम, सीजेआई और विपक्ष के नेता की कमेटी करेगी सीईसी और ईसी की नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ मनीष सिसोदिया की याचिका स्वीकार की, आज ही होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को लगाई फटकार, कहा- कानून अपने हाथ में मत लीजिए

NEET PG EXAM 2023 तय समय में होगी, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की स्थगन की याचिका

सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला.... हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर मीडिया की कवरेज पर रोक लगाने से इनकार!

पीरियड के दौरान छात्राओं और महिला कर्मचारियों को छुट्टी देने से संबंधित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने कहा राष्ट्रीय प्रोजेक्ट है बुलेट ट्रेन, खारिज की गोदरेज एंड बॉयस की याचिका

Leave a Reply