RAILWAY में भर्ती के नाम पर 114 लोगों से ठगी, सब से लिए 12-12 लाख, वाराणसी में 3 महीने ट्रेनिंग भी कराई

RAILWAY में भर्ती के नाम पर 114 लोगों से ठगी, सब से लिए 12-12 लाख, वाराणसी में 3 महीने ट्रेनिंग भी कराई

प्रेषित समय :17:34:50 PM / Sun, Mar 12th, 2023

अमृतसर. पंजाब में रेलवे में नौकरी के नाम पर 114 लोगों के साथ ठगी करने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. नौकरी के नाम पर सभी 114 पीड़ितों से 12-12 लाख रुपए वसूले गए. सब सच लगे, इसके लिए 114 लोगों की वाराणसी में ट्रेनिंग भी हुई. तीन महीनों के बाद सभी को घर भेज दिया गया. जब लंबे समय तक स्टेशन अलॉट नहीं हुआ, तो ठगी का पता चला.

114 लोगों की शिकायत विजिलेंस के पास पहुंचने पर जांच शुरू हुई. विजिलेंस की टीम ने एक पीड़ित परिवार से 20 हजार रुपए लेते हुए दलजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति को पकड़ लिया है, जबकि दिल्ली डीआरएम ऑफ में हेड क्लर्क रवि मल्होत्रा और क्लर्क जोगिंदर सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. जांच के बाद यह ठगी का मामला 65 करोड़ रुपए का लग रहा है.

वाराणसी में दी गई ट्रेनिंग ठगों ने इस पूरे जाल को बिछाने से पहले पक्की प्लानिंग कर रखी थी. 114 युवाओं से पैसे लेकर उन्हें ट्रेनिंग के लिए चुना गया. ट्रेनिंग के लिए सभी को एक साथ वाराणसी की एक ऐसी जगह पर बुलाया गया, जो सरकारी दफ्तर की तरह ही लगता था. यहां तीन महीने सभी की ट्रेनिंग हुई. ट्रेनिंग के रिकॉर्ड भी तैयार हुए. ट्रेनिंग के बाद सभी को ऑफर लेटर व स्टेशन अलॉट करने की जानकारी का इंतजार करने के लिए कह कर घर भेज दिया.

तीन महीने बाद पता लगा ठगी हुई

सभी 114 युवा ट्रेनिंग लेकर घर लौट आए. तीन महीने तक कोई न फोन न ही कोई लेटर. जिसके बाद तीन महीने के इंतजार के बाद सभी ने एक दूसरे के साथ संपर्क साधा. पूछताछ की तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है.

सभी से टीसी बनाने के लिए 12-12 लाख

फिरोजपुर के प्रीत नगर निवासी दीपक गुंबर ने बताया कि उसने अपने दो बेटों को रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी दिलवाने की एवज में दलजीत को दस लाख रुपए दिए थे. पैसे देने के बाद भी दलजीत यही दिलासा देता रहा कि उनके बेटों की नौकरी जल्द लग जाएगी. आसल निवासी मेजर सिंह से भी उनके बेटे को रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर 12 लाख वसूले थे. वकील खुशवंत सिंह के दो बेटों को रेलवे में टीसी लगाने की एवज में 24 लाख रुपए लिए थे. इस मामले में फिरोजपुर के थाना कैंट में भी मामला दर्ज किया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. अंत में विजिलेंस के पास सभी पीड़ित पहुंचे और कार्रवाई शुरू हुई.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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