Railway का रनिंग स्टाफ प्रशासनिक प्रताड़ना से त्रस्त, तनाव में ड्यूटी कर रहा, WCREU के आव्हान पर 20 को धरना, प्रदर्शन

Railway का रनिंग स्टाफ प्रशासनिक प्रताड़ना से त्रस्त, तनाव में ड्यूटी कर रहा, WCREU के आव्हान पर 20 को धरना, प्रदर्शन

प्रेषित समय :18:47:58 PM / Sat, Mar 18th, 2023

जबलपुर. लाखों यात्रियों को पूरे देश में सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के साथ-साथ भारतवर्ष में सभी प्रकार की सप्लाई जिसमें खाद्य सामग्री प्रमुख रूप से शामिल है को लोगों तक पहुंचाने के अहम कार्य में जुटे रेलवे का रनिंग स्टाफ इन दिनों प्रशासनिक व्यवस्था से प्रताड़ित है. विपरीत काल, मौसम, परिस्थितियों मेें बिना थके ड्यूटी पर मुस्तैदी से तैनात यह स्टाफ जबर्दस्त तनाव में है. उनकी मांगों को लगातार प्रशासन नकारता आ रहा है. जिसके विरोध में पूरे पश्चिम मध्य रेलवे के साथ-साथ जबलपुर रेल मंडल के रनिंग स्टाफ ((ट्रेन मैनेजर, लो.पा. सहा. लो.पा. एवं सी. एल.आई.) वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के बैनर तले 20 मार्च सोमवार को प्रशासन द्वारा अनावश्यक दी जा रही प्रताड़ना के विरूद्ध यूनियन मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय प्रांगण में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करेंगे.

इस संबंध में यूनियन के मंडल अध्यक्ष काम. बीएन शुक्ला व मंडल सचिव काम. रोमेश मिश्रा ने रेल प्रशासन को रनिंग स्टाफ की 38 सूत्रीय मांगों का मेमोरेंडम पहले ही दे दिया है. यूनियन नेता द्वय ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपनी ड्यूटी पूरी मेहनत, लगन व निष्ठा के साथ लगातार रात-दिन जागकर करने वाला रनिंग स्टाफ इन दिनों प्रशासनिक प्रताड़ना से परेशान है, वह इतने अधिक तनाव में है कि कभी कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है, किंतु प्रशासन को स्टाफ की समस्या को हल करने गंभीर नहीं है. वर्तमान में प्रशासन द्वारा रनिंग स्टाफ एवं मुख्य लोको निरीक्षकों को तरह-तरह के बेतुके आदेश जारी कर मानसिक/शारीरिक रूप से अत्यधिक प्रताडि़त किया जा रहा है. अधिकारियों द्वारा अनैतिक ढंग मे दबाव बनाकर मनमाने/ नियमविरूद्ध ढंग से ड्यूटी करने को विवश किया जा रहा है. जिसके कारण रनिंग स्टाफ/मु.लो.नि. कैडर के कर्मचारी अत्याधिक मानसिक दबाव में रहकर डयूटी कर रहे है. इसके अलावा धरना प्रदर्शन में एनपीएस हटाकर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग भी शामिल है.

यह है स्टाफ की प्रमुख मांगें

- एनकेजे-सतना-एनकेजे, जबलपुर-सतना-जबलपुर एवं नकज-सिंगरौली खंड पर वर्तमान मे 72 घंटे से ज्यादा रनिंग कर्मचारियों से डयूटी करायी जा रही है. अत: उक्त खंड में रनिंग कर्मचारियों से 36 घंटे डयूटी कराये जाने का प्रयास किया जाये.
-रनिंग स्टाफ को छोटी-छोटी बातों पर प्रताडि़त किया जा रहा है. चार्जशीट दी जा रही है. इस पर रोक लगायी जाये.
- एनकेजे में पक्षपातपूर्ण तरीके से सीनियर ए.एल.पी को स्क्रीनिंग में फेल करके मालगाड़ी में कार्य कराया जा रहा है. जबकि जूनियर ए. एल.पी. से कम अनुभव के बावजूद मेल/ एक्स/सवारी गाडिय़ों में कार्य कराया जा रहा है. इस पर रोक लगाते हुये वरीयतानुसार ए.एल.पी. को मेल/एक्स/सवारी गाडिय़ो मे कार्य कराया जाये.
- रनिंग कर्मचारियों से गुड्स ट्रेनों में 15 से 20 घंटे तक कार्य कराया जा रहा है. ओवर आवर्स कार्य कराना बंद किया जाये.
-रनिंग स्टाफ के खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा है. एलपीजी, एवं पैसेंजर ट्रेन मैनेजरों के रिक्त पदों को अविलम्ब भरा जाये.
- रनिंग रूमों में पर्याप्त सुविधा / व्यवस्था नहीं है तथा ऑक्यूपेंसी के अनुपात में रूम / बिस्तरों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है. ब्यौहारी, सिंगरौली, जबलपुर में बेड की भारी कमी है.
- मंडल टी. आर.ओ कार्यालय मे सी. एल.आई/मुख्यालय का केवल एक पद पिन प्वाइंटेड है, किन्तु कई सी. एल.आई. मंडल कार्यालय मे वर्षो से अपनी मूल ड्यूटी ना कर केवल फील्ड में कार्यरत सी. एल.आई को मॉनीटर करने व प्रताडि़त करने का कार्य कर रहे है. ऐसे सी. एल.आई. को चिन्हित कर फील्ड में ड्यूटी कराने का आदेश जारी किया जाये. यदि टी. आर. ओ. कार्यालय में अत्यन्त आवश्यकता है तो अन्य सी. एल.आई. को कार्य करने का मौका दिया जाये.
- स्पेड (SPAD) केसों में रनिंग स्टाफ को रेलवे बोर्ड की गाइड लाईन से ज्यादा दण्ड दिया जा रहा है. स्पेड केसों में लोको पर्यवेक्षको को रेलवे बोर्ड की गाइड लाईन की अवहेलना करते हुए प्रत्येक स्पेड केस में जवाबदार ठहराया जा रहा है. चार्जशीट देकर दण्डित किया जा रहा है. इसे रोका जाये. स्पेड रोकने हेतु मंडल के कोचिंग लोको पायलट की बीट अतार्किक रूप से बढ़ाना बंद किया जाये.
- कोचिंग गाडिय़ों में ट्रेन मैनेजरों एवं लोको पायलटों के लिंक नहीं चलाये जा रहे है. लिंक चालू किये जाये.
- मालगाडिय़ो के क्रू को समय से रिलीव नहीं किया जाता है. यदि रिलीव कर भी दिया तो स्पेयर जाने हेतु गाड़ी नहीं दी जाती है. और इस बीच क्रू के घंटे बढ़ गये तो उसका दोष क्रूपर डालने और उसका समयोपरि भत्ता के घंटे काटना बंद किया जाये.
- रनिंग कर्मचारियों द्वारा डी. ए. आर. के अन्तर्गत दण्डों के विरूद्ध की गई अपीलें काफी समय तक लम्बित रखी जाती हैं. इनका निपटारा जल्द से जल्द किया जाये.
-जबलपुर मंडल मे वर्तमान मे रनिंग स्टाफ, अत्यधिक दबाव, अनियमित कार्यप्रणाली एवं कार्य की अधिकता के कारण तनावग्रस्त है. जिस कारण स्क्क्रष्ठ एवं अन्य असामान्य घटनायें हो रही है. इस प्रकार के मानसिक दबाव एवं असुरक्षित कार्यप्रणाली पर लगायी जाये.
- प्रयागराज छिवकी (पीसीओआई) लॉबी एवं रनिंग रूम के बीच 02 कि.मी. से अधिक की दूरी है. जिस कारण रनिंग स्टाफ को छिवकी में भारी समस्या हो रही है. छिंवकी रनिंग रूम में ही कैमरायुक्त कियोस्क रखकर साइन आन एवं साइन आफ कराया जाये अथवा एक 04 व्हीलर लॉबी से रनिंग रूम आने-जाने हेतु किसी को रखा जाये.
- दो सैकड़ा से अधिक रनिंग स्टाफ को अभी तक वॉकी-टॉकी एवं सीयूजी नहीं दी गयी है. संचार कम्पनी के जो वॉकी-टॉकी मिले भी हंै, उनसे आपस में बातचीत नहीं होती है. ज्यादातर वाकी-टाकी खराब हो गये हैं. अत: उच्च गुणवत्ता के मोटोरोला/केनवुड कम्पनी के वॉकी-टाकी एवं सीयूजी सिम सभी रनिंग स्टाफ को उपलब्ध कराये जाये.
- जबलपुर मंडल में पिछले 02 वर्षो मे क्रू रिव्यू में एक भी क्रू का पद सृजित नहीं किया गया है जबकि लोडिंग टारगेट व गाडिय़ों की संरक्षा में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. अत: मंडल से भेजे गये क्रू रिव्यू के प्रस्ताव को बिना कांट छांट के शीघ्र जारी कराने का श्रम करें.
- रेलवे बोर्ड के निर्देशों के विरूद्ध बिना किसी नियम के 25 सहा. लोको पायलट प्रत्येक मुख्य लोको निरीक्षक को आवंटित किये गये हैं. इसके अलावा ब्रेकडाउन ड्यूटी, इन्क्वायरी वीआईपी मूवमेन्ट, लोको फेल्योर इन्क्वायरी स्पीड एनालिसिस, रनिंग रूम निरीक्षण, लॉबी निरीक्षण, स्टालिंग जॉच ओवर स्पीड जॉच, स्पेड इन्क्वायरी सिगनल साइटिंग, स्पेशल ड्यूटी पंक्चुअलिटी, डयूटी, दुर्घटना जैसे अनेक कार्य करने पड़ते हैं, जिसमें सुधार किया जाएग
- फरवरी 2023 से प्रशासन द्वारा रनिंग स्टाफ को कि.मी. भत्ते का भुगतान नहीं किया गया. जिस कारण रनिंग स्टाफ आर्थिक रूप से बेहद परेशान है एवं तनाव में है. अत: अनुरोध है कि सप्लीमेंट्री पेशीट बनाकर 11 जनवरी से 31 जनवरी तक के कि.मी. भत्ते का भुगतान किया जाये.

मांगें नहीं मानी तो और तेज होगा आंदोलन

यूनियन ने रेल प्रशासन से कहा कि उपरोक्त समस्याओं के संबंध में पूर्व में भी यूनियन द्वारा प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, परन्तु प्रशासन हठधर्मिता दिखाते हुए कर्मचारियों को निरन्तर नियम-विरूद्ध कार्य करने हेतु बाध्य कर रहा है. जिससे स्पेड के मामले बढ़ रहे हैं. यूनियन प्रशासन से अनुरोध करती है. कि रनिंग स्टाफ की उपरोक्त समस्याओं के शान्तिपूर्वक समाधान हेतु शीघ्र यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर समस्याओं का सम्मानजनक निराकरण करने का श्रम करें. अन्यथा यूनियन उक्त मुद्दों पर 20 मार्च को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय प्रांगण में 1 दिवसीय धरना/प्रदर्शन का आयोजन कर प्रशासन के समक्ष अपना विरोध दर्ज करायेगी तथा समस्याओं का निराकरण ना होने पर आगे सम्पूर्ण मंडल पर बृहत आन्दोलन करने बाध्य होगी. जिस कारण रेल संचालन में उत्पन्न होने वाले व्यवधान के लिए रनिंग कर्मचारी/यूनियन उत्तरदायी नहीं होगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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