जबलपुर.पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल अंतर्गत भिटौनी स्थित भारत पेट्रोलियम की साइडिंग पर पुरानी रेल पांतों को निकालकर उसे कबाड़ी को बेचे जाने की घटना की उच्च स्तरीय शिकायतों के बाद अब पूरे मामले की जांच के नाम पर लीपापोती का प्रयास जारी है.
हालांकि इस पूरे मामले में आरपीएफ को यह सफलता मिली है कि उसने पांतों को ले जाने वाले ट्रक को पकड़ा है, वहीं इंजीनियरिंग विभाग के इस मामले से संबंधित अधिकारी इस प्रयास में लगे हैं कि पूरे मामले को कबाड़ी के ऊपर डाल दिया जाए और उससे कबूल करवा लिया जाए कि उसने यह पांते चोरी की है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि दिन दहाड़े, दर्जनों रेल कर्मचारियों के सामने ट्रक के साइज के हिसाब से गैस कटर से पांतों को ट्रक में लोडकर कोई भी नहीं ले जा सकते. वहीं पूरे मामले में सीबीआई के भी नजर रखे जाने की खबर है.
उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड, सीबीआई और पश्चिम मध्य रेलवे के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक/चीफ विजिलेंस अधिकारी को रेलवे के ही एक जिम्मेदारी कर्मचारी ने लिखित शिकायत की है कि वरिष्ठ खंड अभियंता दक्षिण/जबलपुर जेपी मीना द्वारा भिटौनी में पीओएल साइडिंग में चल रहे नई साइडिंग के कार्य में पुराने ट्रैक को डिसमेंटल कराया गया, जिसका लगभग 100 मीटर पांतें व स्लीपर ट्रकों में लोड कर कबाड़ी को बेचा गया है. इसमें से कुछ संपत्ति रेलवे की व काफी संपत्ति भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन की है.
इंजीनियरिंग विभाग में मचा है हड़कम्प
इस घटना की शिकायत उच्च स्तर पर किये जाने के बाद संबंधित एसएसई सहित अन्य जिम्मेदार इंजीनियर्स में हड़कम्प की स्थिति बनी हुई है. मामले को रफा-दफा करने के लिए अधिकारी साम-दाम-दंड-भेद का तरीका अपनाए हुए हैं. हालांकि पूरा मामला पमरे के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आ चुका है, इसलिए इस मामले में अधिकारी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं.
आरपीएफ ने ट्रक को पकड़ा
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में रेल पांतों को ले जाने वाले ट्रक को आरपीएफ ने खोज निकाला है और उसने ट्रक को पकड़ लिया है. खबर है कि इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी इस प्रयास में लगे हैं कि पूरा मामला लोहे की चोरी का लगे और कबाड़ी पूरा मामला अपने सिर पर ले ले, हालांकि इस मामले में काफी ऐसे तकनीकी पहलू हैं, जिसमें सीधे-सीधे एसएसई की संलिप्तता स्पष्ट है, क्योंकि कबाड़ी दिन दहाड़े दर्जनों रेल कर्मचारियों के सामने पांते चोरी नहीं कर सकता, साथ ही ट्रक की साइज के हिसाब से पांतो को कैसे काट सकता है, जबकि गैस कटर से पांतों को काट कर लोड किया गया है.
रेलवे बोर्ड से लेकर सीबीआई तक है शिकायत
इस मामले की जांच पर रेलवे बोर्ड से लेकर सीबीआई तक नजर है, वहीं पश्चिम मध्य रेलवे की विजिलेंस भी पूरे घटनाक्रम पर नजरें जमाए हुए है. दूसरी तरफ यह भी खबर है कि भारत पेट्रोलियम के सुरक्षा विभाग ने भी मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए रेल पांतों के गायब होने की शिकायत उच्चस्तर पर की है. यही कारण है कि जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियर्स में हड़कम्प मचा हुआ है. वहीं इस मामले की जांच में स्थानीय स्तर पर लीपापोती का प्रयास किया गया तो अन्य जांच एजेंसी अपने स्तर पर कड़ी कार्रवाई कर सकती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-OMG : अचानक रेलवे स्टेशन पर लगे टीवी स्क्रीन में चलने लगी अश्लील फिल्म, मचा हंगामा
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