OMG: विदेशी मुद्रा के मामले में भगवान भी पड़ फंसे कानूनी पचड़े में, अटक गए 26.86 करोड़ रुपये

OMG: विदेशी मुद्रा के मामले में भगवान भी पड़ फंसे कानूनी पचड़े में, अटक गए 26.86 करोड़ रुपये

प्रेषित समय :16:10:30 PM / Tue, Mar 28th, 2023

नई दिल्ली. कानूनी पेचीदगियों की वजह से बहुत बार आम आदमी का पैसा फंस जाता है, लेकिन अब तो भगवान का पैसे से जुड़ा काम भी अटक गया है. दरअसल, वेंकटेश्वर स्वामी के भक्तों द्वारा चढ़ाया गया पैसा भी कायदे-कानून की भेंट चढ़कर अधर में टंंगा हुआ है. यह पैसा बैंक में जमा नहीं हो पा रहा है. रकम भी कोई छोटी-मोटी नहीं है, बल्कि पूरे 26.86 करोड़ रुपये है. यह पैसा विदेशी मुद्रा के रूप में मंदिर की हुंडियों में भक्तों ने चढ़ाया था. मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम  का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत रजिस्ट्रेशन 3 साल से सस्पेंड है. इस वजह से चढ़ावे में आई विदेशी मुद्रा को ट्रस्ट बैंक में जमा नहीं करा पा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रस्ट ने इस बारे में सरकार से भी मदद मांगी है, लेकिन मामला उलटा पड़ गया. सरकार ने सहायता तो नहीं की, बल्कि पेनल्टी भरने का नोटिस थमा दिया. ट्रस्ट मंदिर में चढ़ावे के रूप में आया पैसा भारतीय स्टेट बैंक में जमा करता है. लेकिन, एसबीआई ने ट्रस्ट का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन निलंबित होने के चलते विदेशी मुद्रा को अपने खजाने में जमा करने से इन्कार कर दिया है.

डॉलर, दिरहम, पौंड और यूरो में आया चढ़ावा

ट्रस्ट ने हाल में गृह मंत्रालय चढ़ावे के रूप में आई विदेशी मुद्रा की पूरी डिटेल भेजी थी. ट्रस्ट के पास अमेरिकी डॉलर के रूप में 11.50 करोड़ रुपये, मलेशियाई रिंगिट के रूप में 5.93 करोड़ रुपये और सिंगापुर डॉलर के रूप में 4.06 करोड़ रुपये जमा हैं. इसके अलावा दिरहम, पौंड, यूरो, ऑस्ट्रेलियन डॉलर और कनाडाई डॉलर भी भक्?तों ने हुंडियों में अर्पित किए हैं.

2019 से सस्पेंड है रजिस्ट्रेशन

फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत रजिस्ट्रेशन तीन साल से सस्पेंड है. टेक्निकल गड़बड़ी के कारण ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड किया गया है. पांच मार्च को गृह मंत्रालय के एफसीआरए डिवीजन ने टीटीडी को पत्र लिखकर बताया कि उसका सालाना रिटर्न गलत फार्मेट में है. इस गलती पर ट्रस्ट पर 3.19 करोड़ रुपये पेनल्टी लगाई गई है. इससे पहले 2019 में एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू नहीं कराने पर ट्रस्ट पर 1.14 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई थी. ट्रस्ट ने इसे चुका दिया था.

एसबीआई ने किया पैसा जमा करने से इंकार

एफसीआरए एक्ट में 2020 में हुए बदलावों के मुताबिक किसी भी एनजीओ को एसबीआई में अकाउंट खोलना होता है. एसबीआई चढ़ावे में आए विदेशी पैसे को जमा करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि चढ़ावा देने वालों की पहचान ज्ञात नहीं है. वहीं, ट्रस्?ट इस मसले के समाधान के लिए सरकार का दरवाजा भी खटखटा चुका है. ट्रस्ट ने पिछले साल सरकार को भेजे नोट्स में दलील दी थी कि आंध्र प्रदेश के नियमों और एफसीआरए के रूल्स में अंतर है. टीटीडी ने कहा कि महामारी के कारण उसे अकाउंट्स फाइल करने में देर हुई.
टीटीडी ने कहा है कि एफसीआरए एक्ट में अज्ञात व्यक्ति से हुंडी में मिली राशि के बारे में प्रोसेस का जिक्र नहीं है. ट्रस्ट का कहना है कि सरकार के कहने पर उसने रिवाइज्ड स्टेटमेंट्स जमा कराए थे. लेकिन इनको भी गलत बताते हुए ट्रस्ट पर 3.19 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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