* शुभ मुहूर्त अभिजीत- 11:57 से 12:50
* राहुकाल- 15:44 से 17:24
चौघड़िया- 9 मई 2023, मंगलवार
दिन का चौघड़िया
रोग - 05:43 से 07:23
उद्वेग - 07:23 से 09:03
चर - 09:03 से 10:43
लाभ - 10:43 से 12:23
अमृत - 12:23 से 14:04
काल - 14:04 से 15:44
शुभ - 15:44 से 17:24
रोग - 17:24 से 19:04
रात्रि का चौघड़िया
काल - 19:04 से 20:24
लाभ - 20:24 से 21:44
उद्वेग - 21:44 से 23:03
शुभ - 23:03 से 00:23
अमृत - 00:23 से 01:43
चर - 01:43 से 03:03
रोग - 03:03 से 04:23
काल - 04:23 से 05:42
मंगल दोष मुक्ति के लिए ....
जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में लग्न/चंद्र से 1, 4 ,7 और 12वें भाव में यदि मंगल ग्रह स्थित हो तो कुंडली में मंगल दोष का निर्माण होता है. इस दोष के चलते व्यक्ति को असफल वैवाहिक जीवन सहित कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मंगल दोष का प्रभाव जन्म कुंडली में मंगल के कारकत्व के सापेक्ष कम-ज्यादा होता है, मंगल दोष से राहत के लिए ये उपाय हैं....
एक- मंगल दोष मुक्ति के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें....
* देवी त्रिपुरा के नौ रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में आराधना की जाती है.
* देवी का द्वितीय स्वरूप- देवी ब्रह्मचारिणी हैं, जिनकी हर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर पूजा-अर्चना की जाती है.
* क्योंकि, देवी ब्रह्मचारिणी ने शिवजी के लिए केवल फल-फूल-पत्ते खाकर घोर तपस्या की थी, इसलिए जो श्रद्धालु तपस्या में मनोबल बनाए रखना चाहते हैं, वे देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करें.
* त्रिपुरा सुंदरी के प्रमुख उपासक रहे दिवंगत पंडित लक्ष्मीनारायण द्विवेदी मंगल दोष निवारण के लिए देवी त्रिपुरा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा, व्रत और आराधना की सलाह देते थे.
* देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना से मंगल ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है, इसलिए जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, जिनकी राशि मेष या वृश्चिक है, उन्हें उदयपुर संभाग के तलवाड़ा, बांसवाड़ा स्थित देवी त्रिपुरा की आराधना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है.
* भूमि प्राप्ति, ऋण मुक्ति, रक्त रोग मुक्ति और पदोन्नति के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें.
* जिन श्रद्धालुओं के रक्त संबंधियों से मतभेद हों वे संकल्प लेकर देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करें, विवाद से राहत मिलेगी.
* देवी ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है.
* इस अवसर पर ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है जिनकी सगाई हो गई है, लेकिन शुभ-विवाह नहीं हुआ है.
* मनोकामना पूर्ण करने के लिए संकल्प लेकर हर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को व्रत करें और देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें.
दो- मंगलनाथ, उज्जैन में मंगल दोष शांति....
* प्रमुख रूप से मंगल दोष जन्म लग्न के सापेक्ष देखा जाता है जो संपूर्ण जीवन को प्रभावित करता है, लेकिन चन्द्र कुंडली से मंगल दोष होने पर आध्यात्मिक सुख का अभाव रहता है तो शुक्र कुंडली में मंगल दोष से जीवन में भौतिक सुख का अभाव रहता है.
* मंगल दोष निवारण के लिए उज्जैन में प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर है, जिसमें श्रद्धालु मंगलदेव के शुभ आशीर्वाद हेतु, मंगल दोष मुक्ति हेतु पूजा-अर्चना करते हैं.
* शिव स्वरूप में मंगल- भूमि प्राप्ति, धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति, शीघ्र विवाह, कर्ज मुक्ति सहित एक्कीस विभागों के अधिपति हैं, इसलिए यहां विधिपूर्वक पूजन से इन क्षेत्रों में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं, जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है.
* मंगल दोष शांति के पूर्ण विधान में गणेशांबिका एवं शिव पूजन, षोडशमातृका एवं सप्त घृत मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, अग्रि पूजन, नवग्रह एवं रूद्र स्थापना पूजन, पुण्याहवाचन पूजन, पितरों का नांदी श्राद्ध पूजन, मंगल ग्रह का भात पूजन एवं मंगल दोष हवन होता है.
* व्यक्ति की जन्म कुंडली में लग्न के सापेक्ष मंगल ग्रह की उपस्थिति आदि के कारण यदि मंगल दोष है, मंगल अकारक है तो मंगलवार को मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान करें, अशुभ प्रभाव कमजोर होगा.
* वैसे मंगल दोष, अकारक मंगल की जानकारी ज्योतिषीय गणना से संभव है, जो कोई जानकार ज्योतिषी बता सकता है लेकिन इसके अलावा कई ऐसे संकेत भी है जिनसे व्यक्ति स्वयं मंगल का कारकत्व जान सकता है.
* जिनका मंगल अकारक होता है उन्हें भाई और रक्त संबंधियों का आवश्यक सहयोग नहीं मिलता है.
* जिनका मंगल अकारक होता है उन्हें जमीन प्राप्त करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और अक्सर जमीन हाथ से निकल जाती है.
* जिनका मंगल अकारक होता है उन्हें अक्सर रक्तदोष से संबंधित रोगों की शिकायत रहती है.
* जिनका मंगल अकारक होता है वे अक्सर ऋणग्रस्त रहते हैं तथा जमा पूंजी अचानक निकल जाती है.
* जिनका मंगल अकारक होता है, जन्म पत्रिका में मंगल जिस भाव में होता है उस भाव के सुख को नष्ट कर देता है.
* मंगल अकारक होने पर श्रीगणेश, श्रीराम और महावीर हनुमान की पूजा करें.
* मंगल अकारक होने पर मंगलवार को रक्त संबंधियों को तांबे के पात्र, गुड़, स्वर्ण, लाल रंग की वस्तुएं, बिजली का सामान, मसूर की दाल आदि भेंट करें.
* नियमित रक्तदान से भी मंगल दोष में राहत मिलती है.
* ऐसी ज्योतिर्धारणा है कि अगर एक मांगलिक व्यक्ति दूसरे मांगलिक व्यक्ति से विवाह करता है, तो मंगल दोष दूर हो जाता है.
* कुंभ विवाह, विष्णु विवाह, अश्वत्थ विवाह- अर्थात....वृक्ष से विधिवत विवाह कराकर मंगल दोष से राहत प्राप्त कर सकते हैं.
* इनके अलावा लाल किताब के भी- चिड़ियाओं को मीठा खिलाना, घर पर हाथी-दांत रखना, बरगद के पेड़ की मीठे दूध से पूजा आदि उपाय भी किए जाते हैं!
जयपुर पंचांग-- 9 मई 2023
* शक संवत 1945, विक्रम संवत 2080, मास- पूर्णिमांत ज्येष्ठ, मास- अमांत वैशाख
* तिथि चतुर्थी- 16:10:22 तक, नक्षत्र मूल- 17:45:45 तक, करण बालव- 16:10:22 तक, कौलव - 27:01:41 तक, पक्ष कृष्ण, योग सिद्ध- 21:15:17 तक, वार मंगलवार
* दिशाशूल- उत्तर
* ताराबल- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
* चन्द्र राशि धनु
* उत्तम चन्द्रबल- मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन
* वृषभ राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
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