पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के नगरीय निकाय चुनाव में जीत का खाता खोलने वाली असदुद्दीन औवेसी की पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में भी अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी. जिसमें जबलपुर की पूर्व व उत्तर-मध्य विधानसभा सीट से उम्मीदवार चुनाव लड़ेगें. कुछ दिन पहले ही एमपी एक टीम हैदरबाद पहुंची और औवेसी से मुलाकात की है.
एमपी से पहुंचे अपनी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधानसभा चुनाव करीब है. आप लोग चुनाव की तैयारियों में जुट जाए, संगठन को मजबूत करने के लिए कार्य करें, कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाए. चर्चा यही है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम मध्यप्रदेश के कई शहरों में अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी. यदि ये एआईएमआईएम के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरते है तो कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. नगरीय निकाय चुनाव में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमएम) के सात प्रत्याशी चुनाव जीतकर आए है. जिसमें दो पार्षद जबलपुर के है. इन दोनों प्रत्याशियों ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से ही जीत हासिल की है.
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से दो पार्षद की दो सीटें जीतने के बाद अब विधानसभा चुनाव में भी जबलपुर की उत्तर मध्य विधानसभा व पूर्व विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे जाने की तैयारी है. अभी इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, उत्तर मध्य विधानसभा में लम्बे समय बाद कांग्रेस ने कब्जा किया था. कांग्रेस के विधायक विनय सक्सेना चंद वोट से ही चुनाव जीत कर आए थे. जिसका मुख्य कारण भाजपा से बागी हुए धीरज पटैरिया निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में उतरे थे, जिन्होने करीब 29 हजार वोट हासिल किए. जिसका सीधा नुकसान भाजपा प्रत्याशी शरद जैन को हुआ थाा. इस बार यदि औवेसी की पार्टी उत्तरमध्य विधानसभा से अपना प्रत्याशी खड़ा करती है, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से मिलने वाले वोट कहीं न कहीं कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगें. इसी तरह पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भी औबेसी अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है. यहां पर भी मुस्लिम वोटर्स है, इसी क्षेत्र से औवेसी के दो कार्यकर्ता नगरीय निकाय चुनाव जीतकर पार्षद बने है. इसके अलावा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में इस बार आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर सकता है. यदि आम आदमी पार्टी का उम्मीदरवार भी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाता है तो मुकाबला और कड़ा होगा. कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी जीत के लिए अभी से और मेहनत करना पड़ सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में सिंडिकेट बनाकर मंहगी शराब बेच रहे थे 5 ठेकेदार, ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया प्रकरण
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