जबलपुर. ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, टी.वी.सी.बी के माध्यम से मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के माध्यम से वितरण कंपनियों का निजीकरण के विरोध सहित सात सूत्री मांगों को लेकर चलाये जा रहे चरणबद्ध आंदोलन की समीक्षा की गई. आगामी तीन दिवसीय हड़ताल 10 से 12 जुलाई के लिए ऑनलाइन मीटिंग कर पूरे प्रदेश में रणनीति बनाने हेतु चर्चा की गई.
इंजी विकास कुमार शुक्ला महासचिव द्वारा सर्वप्रथम 28 जून को किये एक दिवसीय कार्य बहिष्कार को सफल बनाने के लिए सभी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं कर्मियों का आभार व्यक्त किया, एवं बताया कि पिछले आंदोलन के अनुभव अनुसार आगामी तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार से पूर्व सृदृढ़ रणनीति बनानी होगी, सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विद्युत कर्मियों को निजीकरण के दुष्परिणाम से अवगत करवायें, क्षेत्रीय सचिवों को प्रेरित किया कि अपने अपने क्षेत्र में जाकर अभियन्ताओं, कर्मियों एवं जनता को बताएं कि निजीकरण से प्रदेश में विद्युत की कीमतों में वृद्धि होगी एवं मध्यप्रदेश शासन को सालाना 130 करोड़ के लगभग अतिरिक्त बोझ उठाना होगा, निजीकरण से औद्योगिक घरानों के अतिरिक्त किसी को लाभ नहीं होगा, क्षेत्रीय सचिव अपने अपने क्षेत्र में आम जनता से अपील जारी करें कि वे अभियन्ता संघ के आगामी तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार को समर्थन प्रदान करें.
निजीकरण से प्रदेश की विद्युत व्यवस्था चरमरायेगी
इंजी हितेश तिवारी अध्यक्ष अभियन्ता संघ द्वारा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय अभियन्ता संघ से लेकर प्रदेश स्तर के अभियंताओं द्वारा सभी तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर यह निष्कर्ष निकला है कि विद्युत विभाग में निजीकरण से प्रदेश की व्यवस्था चरमरा जाएगी, कर्मियों के हितों का हनन होगा एवं आम जनता के लिए आर्थिक रूप से घातक भी है, इसलिए अभियन्ता संघ का दायित्व है कि वह विद्युत परिवार के हर कर्मी तक निजीकरण के दुष्परिणामों को पहुचायें, ताकि हर विद्युत कर्मी निजीकरण की लड़ाई में स्वत: शामिल होकर विरोध दर्ज कर सके.
म.प्र. विद्युत मण्डल अभियन्ता संघ के प्रचार सचिव नरेंद्र चन्देल ने बताया कि महासचिव द्वारा बैठक में अन्य ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कर विस्तार से बताया, यह भी बताया कि अखिल भारतीय विद्युत अभियन्ता संघ द्वारा यह आश्वस्त किया गया है कि पूरे देश के एक लाख विद्युत अभियन्ता इस आंदोलन में मध्यप्रदेश के साथ हैं., अंत में संघ के सभी कार्यकारिणी द्वारा चर्चा उपरांत आंदोलन के दूसरे चरण तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार 10 जुलाई 23 से 12 जुलाई 23 को हर स्तर पर सफल बनाने हेतु सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमरकंटक एक्सप्रेस 6 घंटे रीशेड्यूल, रात 10 बजे भोपाल से चलेगी, जबलपुर तड़के 3.25 बजे आयेगी
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