जबलपुर. इंदौर से जबलपुर की यात्रा कर रही निजी स्कूल डी.पी.एस. की शिक्षिका प्रियंका द्विवेदी का एक बैग ट्रेन की सीट पर ही छूट गया और महिला अपने घर पहुंच गई. घर पहुंचने पर जब उसने सामान की जांच की तो पता चला कि वह बैग, जिसमें उसके जेवर और काफी पैसे रखे थे वह तो ट्रेन में ही छूट गया है.
इतना देखते ही महिला घबराते हुए तुरंत जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, यहां पर उसने उप-स्टेशन अधीक्षक वाणिज्य के कार्यालय में पहुंच कर बताया कि वह ओवरनाइट एक्सप्रेस के बी 5 कोच की 33 नंबर सीट पर इंदौर से जबलपुर आ रही थी तथा मदन महल स्टेशन पर सुबह-सुबह उतर गई. घर पहुंचने की इस आपाधापी में उसका एक बैग कोच में ही छूट गया है. महिला ने यह बात उप- स्टेशन अधीक्षक हेमंत पेंद्रे तथा स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य संजय जायसवाल को बताई.
प्रियंका की इस सूचना पर रेलवे स्टाफ द्वारा यार्ड में धुलने के लिए पहुंची ओवर नाइट ट्रेन के कोच अटेंडेंट को तलाशना शुरू किया, काफी देर के बाद अटेंडेंट का पता करने पर कोच अटेंडेंट के रूप में गोलू मेहरा को ढूंढा गया. जिसके द्वारा कोच की पुन: तलाशी लेने पर बर्थ के नीचे बैग रखा मिला. जिसे रेलवे वाणिज्य कार्यालय में लाया गया. बैग को देखते ही महिला के खुशी से आंसू निकल पड़े. रेलवे स्टाफ ने रेलवे अधिकारी सुनील श्रीवास्तव तथा पंकज दुबे को महिला के बैग गुमने और वापस मिलने की सूचना दी. अधिकारियों ने कोच अटेंडेंट की ईमानदारी की सराहना करते हुए बैग की तस्दीक करके शिक्षिका प्रियंका को लौटा दिया. बैग में सारी राशि और जेवरात सकुशल प्रकार महिला यात्री गोलू सहित रेलवे स्टाफ को धन्यवाद देते हुए अद्भुत खुशी के साथ अपने घर वापस चली गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इंदौर की वायु गुणवत्ता सुधारने में योगदान के लिए क्लीन एयर कैटलिस्ट सम्मानित
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