मध्यप्रदेश की 230 मंडियां 4 सितम्बर से रहेगी बंद, 25 हजार व्यापारी नहीं करेगें खरीदी, जबलपुर में भी नही होगा कारोबार

मध्यप्रदेश की 230 मंडियां 4 सितम्बर से रहेगी बंद, 25 हजार व्यापारी नहीं करेगें खरीदी, जबलपुर में भी नही होगा कारोबार

प्रेषित समय :19:58:28 PM / Sat, Sep 2nd, 2023
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पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. एमपी के जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर व भोपाल सहित प्रदेश की 230 मंडियां में चार सितम्बर से अनिश्चितकालीन के लिए बंद रहेगी. प्रदेश के 25 हजार व्यापारी मंडी फीस बढ़ की बजाए एक प्रतिशत, निराश्रित शुल्क खत्म करने सहित 11 मांगों को लेकर अपना अपना कारोबार बंद रखेगें.

सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के आव्हान पर प्रदेश भर के व्यापारी अनाज की खरीदी बंद करेगें. व्यापारियों का कहना है कि अभी सरकार द्वारा मंडली शुल्क डेढ़ प्रतिशत लिया जा रहा है, जिसे एक प्रतिशत करने के लिए लम्बे समय से मांग की जा रही है. इसी तरह करीब 50 वर्ष से अनावश्यक रुप से निराश्रित शुल्क लिया जा रहा है,  यह शुल्क भी समाप्त करने की मांग है. इस शुल्क का क्या उपयोग किया जा रहा है यह जानकारी भी नहीं दी जाती है. इसके अलावा 11 अन्य मांगे है जिन्हे लेकर  4 सितम्बर सोमवार से खरीदी बंद कर दी जाएगी. 25 हजार व्यापारी हड़ताल पर रहेगें इसके अलावा इनसे जुड़े हम्माल-तुलावटी भी काम नहीं कर पाएगें. व्यापारियों द्वारा की जाने वाली हड़ताल के चलते भोपाल में ग्रेन एंड आयल सीड्स मर्चेन्ट्स एसोसिएशन ने भी मंडी बंद रखने का निर्णय लिया है. यदि मांगे पूरी नहीं होगी तो मंडी अनिश्चित काल के लिए बंद रह सकती है.

व्यापारियों की मांग-
-मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए.
-निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए.
-मंडी अधिनियम की धारा 19 (2), धारा 19 (8), धारा 46 (डी) एवं धारा 46 (च) में संशोधन-2 विलोपन किया जाए.
-मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए. कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें रखी जाए.
-लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए.
-वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस रुपए 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल की जाए.
-मंडी समितियों को धारा 17 (2), (14) व 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए.
-लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म हो.
-कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगे.
-धारा 23 के अंतर्गत गाडिय़ों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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