नई दिल्ली. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक जांच समिति गठित करने और उन्हें सदन से तत्काल निलंबित करने की मांग की है. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है. निशिकांत का आरोप है कि संसद में सवाल पूछने के लिए महुआ पैसे लेती हैं. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच ये नई सियासी लड़ाई की शुरुआत मानी जा रही है.
निशिकांत का आरोप है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है. भाजपा सांसद ने दावा किया है कि दोनों के बीच नकद और उपहारों के रूप में आदान-प्रदान हुए हैं. निशिकांत के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ ने करारा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अदाणी मामले में जांच के बाद फुर्सत मिले तो वे उनके पास जांच करने आ सकते हैं.
तृणमूल सांसद ने किया पलटवार
झारखंड की गोड्डा लोक सभा सीट से निर्वाचित भाजपा सांसद- निशिकांत दुबे के आरोपों पर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोक सभा सीट से निर्वाचित फायरब्रांड महिला सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर पोस्ट कर पलटवार किया. उन्होंने निशिकांत पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप भी लगाया. बता दें कि विगत मार्च महीने में महुआ ने निशिकांत पर एमबीए और पीएचडी की फर्जी डिग्री रखने के आरोप लगाए थे.
विशेषाधिकार उल्लंघन के कई मामले लंबित
तृणमूल सांसद ने कहा कि भाजपा के कई अन्य दिग्गजों के खिलाफ भी विशेषाधिकार उल्लंघन के कई मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा कि लोक सभा स्पीकर को उनकी शिकायतों पर भी विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोक सभा स्पीकर जब उनकी शिकायतों पर कार्रवाई कर लें, उसके बाद वे अपने खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का सामना करने को तैयार हैं.
अदाणी मामले का जिक्र पर भाजपा पर तीखा हमला
भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए महुआ ने कहा कि जांच के लिए उनके दरवाजे पर आने से पहले उन्हें अदानी कोयला घोटाला मामले में कार्रवाई का इंतजार है. महुआ ने कहा कि इस मामले में ईडी और अन्य जांच एजेंसियों को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए.
क्या महुआ ने अदाणी और हीरानंदानी से जुड़े सवाल किए?
दरअसल, निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा से जुड़ी शिकायत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर एक वकील के शोध कार्य का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा के हालिया 61 सवालों में से 50 बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के लिए पूछे. उनके सवाल अक्सर एक अन्य व्यापारिक समूह- अदानी समूह पर भी केंद्रित रहे. दुबे का दावा है कि हीरानंदानी समूह अदाणी के खिलाफ व्यापारिक बोलियां लगा रहा था.
संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप
पत्र में निशिकांत ने लिखा है कि जब भी संसद सत्र होता है, महुआ मोइत्रा और वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत रॉय के नेतृत्व में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की चिल्लाने वाली ब्रिगेड, किसी न किसी बहाने से हर किसी के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने की आदत रखती है. हैरान करने वाली इस रणनीति के तहत महुआ अन्य सदस्यों के बहस करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, जबकि अन्य सांसद आम लोगों के मुद्दों और सरकार की नीतियों पर चर्चा करना चाहते हैं.
आपराधिक साजिश में शामिल
निशिकांत ने लिखा है कि लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले एक व्यवसायी से धन जुटाने और दूसरे व्यावसायिक समूह को निशाना बनाने का कुत्सित प्रयास किया गया है. जानबूझकर किए गए ऐसे आचरण से स्पष्ट हो गया है महुआ मोइत्रा नैतिकता का प्रदर्शन करती हैं, लेकिन वे खुद एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं.
अदाणी समूह पर साधा निशाना
भाजपा सांसद के गंभीर आरोपों पर महुआ ने उन्हें अपने वकीलों का बुद्धिमानी से उपयोग करने की नसीहत भी दे डाली. उन्होंने अदाणी समूह की आलोचना करते हुए कहा, वे उन्हें चुप कराने की कोशिश में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. तृणमूल सांसद ने कहा, अगर अदाणी समूह मुझे चुप कराने या नीचे गिराने के लिए संदिग्ध संघियों की तरफ से तैयार दस्तावेजों पर भरोसा कर रहा है तो वे उन्हें अपना समय बर्बाद न करने और वकीलों का बुद्धिमानी से उपयोग करने की सलाह देती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रोमांस, रिवेंज और एक्शन से भरपूर है ‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’
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