पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप- 8005967540). खेल मंत्रालय ने रविवार को डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया, मंत्रालय का कहना है कि- नवनिर्वाचित संस्था ने पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया और अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन का जल्दबाजी में ऐलान कर दिया.
खबरों की मानें तो.... मंत्रालय का कहना है कि- नई संस्था पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण में काम कर रही थी, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार नहीं है. डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर 2023 को हुए थे जिसमें बृजभूषण के करीबी संजय सिंह ने जीत दर्ज की थी.
यह साल पूरा पहलवानों की सियासी कुश्ती में गुजरा, जिसमें जनता तो न्याय के लिए धरना-प्रदर्शन करनेवालों पहलवानों के साथ रही, परन्तु केंद्र सरकार का मौन समर्थन दबदबे वाले पहलवानों को मिलता रहा?
पहली नजर में यह निलंबन दबदबेवाले पहलवानों के विरोध में लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है, कारण.... लोकसभा चुनाव करीब हैं, ऐसे में सरकार कोई पॉलिटिकल रिस्क लेना नहीं चाहती है, लिहाजा.... निलंबन का फैसला ऐसा है कि चुनाव के बाद फिर सियासी दांव पलट सकता है?
याद रहे, भारतीय कुश्ती महासंघ की मान्यता रद्द होने बाद रविवार को देश के दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया का कहना था कि- जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वह पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लेंगे.
खबरें हैं कि.... बजरंग पूनिया का कहना था कि- मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा, न्याय मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में सोचूंगा, कोई भी पुरस्कार हमारी बहनों के सम्मान से बड़ा नहीं है... हमें सबसे पहले न्याय मिलना चाहिए!
उल्लेखनीय है कि बजरंग पूनिया ने बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के विरोध में अपना पद्मश्री लौटा दिया था.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपना विरोध-पत्र सौंपने की भी कोशिश की थी, लेकिन उन्हें दिल्ली के कर्तव्य पथ पर ही रोक दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपना पद्मश्री पदक फुटपाथ पर पत्र के ऊपर छोड़ दिया था.
सोशल मीडिया पर उनका कहना था कि- मैं अपना पद्मश्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं, कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है, यही मेरा बयान है.
इससे पहले 21 दिसंबर 2023 को पहलवान साक्षी मलिक ने बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने पर विरोध दर्ज कराते हुए कुश्ती त्यागने का ऐलान किया था.
देखना होगा कि केंद्र सरकार के फैसले पर जनता कितना भरोसा करती है?
इस सियासी कुश्ती के दांव-पेच को देश के प्रमुख कार्टूनिस्ट चंद्रशेखर हाड़ा @CartoonistHada कुछ इस तरह से देखते हैं....
https://twitter.com/CartoonistHada/status/1738460354332733605/photo/1
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