राहु अपनी दशा में किन्हें_बनाता है धनपति!

राहु अपनी दशा में किन्हें_बनाता है धनपति!

प्रेषित समय :20:56:09 PM / Mon, Apr 8th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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राहु मायावी ग्रह होने के कारण पलक झपकते किस्मत बदल देता है.आज बात करेंगे राहु की महादशा या अंतर्दशा आने वाली है या फिर चल रही है दशा तो राहु क्या आपको धनपति अपनी दशा के दौरान क्या बना पायेगा और किनकी कुंडली के राहु बैठा है धनपति मतलब पैसा वाला व्यक्ति के योग बनाकर.कुंडली का दूसरा और ग्यारहवां भाव धन का है अब आपकी कुंडली में दूसरे या ग्यारहवें भाव स्वामी की स्थिति बहुत अच्छी है दूसरे या ग्यारहवें भाव स्वामी धन वृद्धि के योग बनाकर बैठे है और राहु कुंडली के दुसरे या ग्यारहवें भाव में बैठा है तब बहुत बड़ा धनपति राहु महादशा अंतर्दशा में बना देगा निश्चित ही, या फिर राहु दूसरे भाव स्वामी या ग्यारहवें भाव स्वामी के साथ बहुत शुभ स्थिति में बैठा है और ग्यारहवां भाव/दूसरा भाव ,जिस भी भाव स्वामी के साथ राहु बैठा है यदि वह भाव राहु से पीड़ित नही है तब राहु की महादशा अंतर्दशा बहुत धन देकर बहुत बड़ा पैसे वाला बना देगा, अचानक बड़ी आमदनी के रास्ते खुल जायेंगे बड़ा मुनाफा धन का देकर पलक झपकते पैसे वाला बना देगा, लेकिन अपनी महादशा अंतर्दशा के समय.अब कुछ उदाहरणों से समझते है राहु किन्हें अपनी महादशा अंतर्दशा में बनाएगा बड़ा धनपति?                                 
 सिंह लग्न में दूसरे/ग्यारहवे भाव स्वामी बुध बली होकर राहु के साथ संबंध बनाकर बैठे है और दूसरा/ग्यारहवां भाव राहु की दृष्टि में नही है लेकिन बुध की स्थिति बहुत अच्छी है कुंडली में तब बहुत बड़ा धनपति, बहुत पैसे वाला राहु बना देगा जैसे बुध राहु के साथ चौथे भाव में योगकारक ग्रह मंगल सहित संबंध बनाकर बैठा हो.                                     उदाहरण_2:- धनु लग्न में दूसरे भाव स्वामी शनि और ग्यारहवें भाव स्वामी शुक्र है अब राहु यहां धनु लग्न में शुक्र या शनि के साथ बहुत अच्छी स्थिति में बैठा हो और शुक्र या शनि धन देने की स्थिति के है तब बहुत बड़ा पैसे वाला बनाएगा राहु, जब राहु महादशा अंतर्दशा में आएगा या फिर राहु दूसरे भाव में बैठा हो या 11वे भाव में बैठा हो और दूसरे भाव स्वामी शनि/ग्यारहवें भाव स्वामी शुक्र बहुत अच्छी स्थिति में है तब राहु बहुत पैसा देगा अपनी दशा में.                          
 मकर लग्न में दूसरे भाव स्वामी शनि या ग्यारहवें भाव स्वामी मंगल के साथ राहु कुंडली में बहुत अच्छी स्थिति में बैठा है और मंगल या शनि जिसके साथ भी राहु संबंध में है वह मंगल या शनि बहुत बली है/धन देने की स्थिति में है तब बहुत अमीर राहु दशा बनाएगी.
ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान,  दिल्ली 

Anand Jalan

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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