रायपुर. बलौदाबाजार हिंसा मामले में मंगलवार (18 जून) को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन किया. कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए बलौदाबाजार में पुलिस ने जगह-जगह नाकेबंदी की गई. इस दौरान विकास उपाध्याय को 15 किलोमीटर पहले रोका गया, फिर जिले के कांग्रेस कार्यालय तक जाने की मंजूरी दी गई.
इसके अलावा रायपुर में धरना प्रदर्शन में पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत कई नेता मौजूद रहे. बघेल ने कहा कि पुलिस ने जिन तीन मजदूरों को पकड़ा है वे बीजेपी से जुड़े ठेकेदार के लोग हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद से पुलिस घर-घर में घुसकर लोगों को मार रही है. बघेल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं पर भाजपा सरकार झूठे आरोप लगा रही है.
बलौदाबाजार में मुंह में पट्टी बांधकर दिया ज्ञापन
बलौदाबाजार जिले में कांग्रेस कार्यालय से करीब 25-30 कांग्रेस नेता रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में ही पुलिस ने विकास उपाध्याय, जिला अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर, शैलेश नितिन त्रिवेदी समेत नेताओं को रोक लिया. इसके बाद सीबीआई जांच की मांग करते हुए उन्होंने तहसीलदार को ज्ञापन दिया.
क्या कलेक्टर-एसपी को नहीं पता था- भूपेश बघेल
रायपुर में भूपेश बघेल ने कहा कि, जिन मजदूरों को पकड़ा गया वो बीजेपी के नेता के मजदूर हैं. 15 हजार लोगों के खाने की व्यवस्था की वो भी बीजेपी के नेता थे. बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कई सवाल भी उठाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रायपुर से लारेंस विश्नोई और अमन साहू गैंग के चार शूटर गिरफ्तार, कारोबारी की हत्या करने पहुंचे थे
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