पलपल संवाददाता, भोपाल. मध्यप्रदेश में अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को जांच के लिए पहले राज्य सरकार से लिखित इजाजत लेना होगी. यानि अब राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई कोई जांच नहीं कर पाएगी. मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. 1 जुलाई से ही यह व्यवस्था प्रभावशील मानी जाएगी.
केन्द्र सरकार, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों व निजी व्यक्तियों द्वारा किए गए. चाहे वे अलग से काम कर रहे हों या केन्द्र सरकार या फिर केन्द्र सरकार के उपक्रमो के कर्मचारियों के साथ मिलकर समय-समय पर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 3 के अधीन अधिसूचित अपराधों या अपराधों की श्रेणियों की जांच के लिए संपूर्ण मप्र राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के विस्तार के लिए अपनी सहमति दी है. मध्यप्रदेश शासन द्वारा नियंत्रित लोकसेवकों से संबंधित मामलों में ऐसी कोई जांच राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं की जाएगी. किन्हीं भी अपराधों के लिए पिछली सभी सामान्य सहमति और राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य अपराध के लिए मामले-दर-मामले के आधार पर दी गई सहमति भी लागू रहेगी. गौरतलब है कि दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत CBI सिर्फ केंद्र शासित प्रदेशों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है. राज्यों में जांच शुरू करने से पहले CBI को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है. CBI को चार तरह से प्रकरण दिए जा सकते है, जब CBI को केंद्र सरकार स्वयं जांच का आदेश दे. हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट CBI को जांच के आदेश दे. राज्य सरकार केंद्र सरकार से CBI जांच की सिफारिश करे. किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो. इस केस को भी सरकार ही तय करती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश : शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी से विधायक पद से दिया इस्तीफा
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