रांची. झारखंड में जिन लोगों की बिजली खपत प्रतिमाह अधिकतम 200 यूनिट है, उन्हें इस महीने से कोई बिल नहीं भरना पड़ेगा. लेकिन, दूसरी तरफ जिनके घरों में इससे ज्यादा बिजली की खपत है, उन्हें तगड़ा झटका लगने वाला है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, जिस पर 23 अगस्त से जनसुनवाई शुरू हो रही है. राज्य के सभी पांच प्रमंडलों में 2 सितंबर तक जनसुनवाई पूरी होने के बाद झारखंड इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन बिजली की कीमतें बढ़ाने पर अंतिम फैसला करेगा.
जेबीवीएनएल ने बिजली वितरण में बढ़ते खर्चों और दायित्वों का हवाला देते हुए घरेलू बिजली की कीमत प्रति यूनिट 2.85 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. फिलहाल उपभोक्ताओं को 6.65 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है. इसके अलावा लोड आधारित फिक्स्ड चार्ज लागू करने का भी प्रस्ताव रखा गया है.
इसके अनुसार, प्रति किलोवाट लोड के लिए उपभोक्ता से लगभग 100 रुपए लिए जाएंगे. इसके पहले इसी साल एक मार्च से बिजली की दरों में 7.66 प्रतिशत इजाफा किया गया था. ग्रामीण इलाकों के बिजली बिल पहले 5.80 रुपये प्रति यूनिट पहले थी, जिसे बढ़ाकर 6.30 रुपये कर दिया गया था. इसी तरह शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्?ताओं का प्रति यूनिट बिजली रेट 6.30 रुपए से बढ़ाकर 6.65 रुपये किया गया था.
6 महीने में दूसरी बार बिजली दर बढ़ोतरी की प्रक्रिया
छह महीने के भीतर दूसरी बार बिजली दर बढ़ोतरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. झारखंड इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के सचिव राजेंद्र प्रसाद नाइक ने बताया है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए प्राप्त हुए प्रस्ताव पर सबसे पहली जनसुनवाई 23 अगस्त को धनबाद के टाउन हॉल में होगी. इसके बाद चाईबासा के सदर बाजार स्थित पिल्लई हॉल में 26 अगस्त, देवघर के शिल्पग्राम सभागार में 28 अगस्त, डाल्टनगंज के टाउन हॉल में 31 अगस्त और रांची के आईएमए हॉल में 2 सितंबर को जनसुनवाई होगी, जिसमें लोगों की आपत्तियों पर विचार किया जाएगा.
झारखंड में 45 लाख 77 हजार 616 बिजली उपभोक्ता
राज्य में फिलहाल, 45 लाख 77 हजार 616 बिजली उपभोक्ता हैं. इनमें से 41 लाख 44 हजार 634 बिजली उपभोक्ताओं की मासिक खपत अधिकतम 200 यूनिट है. इन्हें बिजली मुफ्त मिलेगी. इससे राज्य सरकार के खजाने पर हर माह 344.36 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने राज्य सरकार ने बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को स्थगित करने की मांग की है. चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि झारखंड में बाकी राज्यों की तुलना में बिजली की दरें पहले ही ज्यादा है. इसमें और वृद्धि किए जाना किसी दृष्टिकोण से उचित नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड में चंपई सोरेन की बगावत के बाद बिहार में गरमाई सियासत
झारखंड : पूर्व सीएम चंपई 6 एमएलए के साथ दिल्ली रवाना, भाजपा के बड़े नेताओं से कर सकते हैं मुलाकात
झारखंड: चंपई सोरेने बोले, हम जहां है वहीं पर है और रहेगें, भाजपा में शामिल होने की रहीं चर्चा
झारखंड में कलाकारों के लिए विशेष पाॅलिसी लायेंगे: हेमंत सोरेन
झारखंड में हुआ बड़ा बदलाव, अब कैबिनेट विभाग देखेगा सीबीआई -ईडी के मामले