MP: ग्वालियर में भगवान राधा-कृष्ण को पहनाए गए 100 करोड़ रुपए के जेवर, हीरा, माणिक, नीलम, जड़े हार, कंगन, 3-3 किलो सोने के मुकुट

MP: ग्वालियर में भगवान राधा-कृष्ण को पहनाए गए 100 करोड़ रुपए के जेवर

प्रेषित समय :19:14:43 PM / Mon, Aug 26th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, ग्वालियर. एमपी के ग्वालियर स्थित गोपाल मंदिर में आज  भगवान श्रीराधा-कृष्ण को 100 करोड़ से ज्यादा की ज्वेलरी पहनाई गई. इन आभूषणों में बेशकीमती रत्न हीरा, पन्ना, माणिक, मोती, पुखराज व नीलम जड़े हैं. ज्वेलरी 150 साल से ज्यादा पुराने सिंधिया रियासतकाल की है.

सूत्रों की माने तो आज जन्माष्टमी के अवसर पर पूर्वान्ह 11 बजे जेवरों को कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक लॉकर से निकालकर पुलिस वेन में लाया गया. इनमें सात लडिय़ों का हार, कंगन, बाजूबंद, मोतियों की माला, स्वर्ण मुकुट शामिल हैं. इनकी सुरक्षा के लिए 200 जवान तैनात हैं. 50 से ज्यादा सीसीटवी से भी निगरानी की जा रही थी. गोपाल मंदिर में ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर अमन वैष्णव व सभापति मनोज तोमर की उपस्थिति में गहनों की गिनती करके मिलान किया गया. इसके बाद मंदिर के पुजारी प्रदीप सरवटे को सौंप दिए. निगम कमिश्नर, पुजारी सहित अन्य अफसरों ने श्रीकृष्ण व राधाजी की मूर्ति को जेवर पहनाए गए. दोपहर करीब 12 बजे आरती के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. नगर निगम कमिश्नर अमन वैष्णव ने बताया कि शाम को 7 बजे की आरती की जाएगी. रात 12 बजे भगवान के जन्म के बाद आभूषणों की दोबारा गिनती की जाएगी, इसके बाद वापस लॉकर में रखवा दिए जाएंगे.

100 साल पहले सिंधिया परिवार ने की थी स्थापना-

गोपाल मंदिर की स्थापना साल 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी. उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन व रत्न जडि़त सोने के आभूषण बनवाए थे. इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जडि़त सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे व माणिक लगे हैं. सोने की नथ, जंजीर व पूजा के लिए चांदी के बर्तन हैं.

नगर निगम कर रहा है जेवरों को रखरखाव-

पहले तो भगवान जेवर धारण किए रहे, लेकिन बाद में जेवरों को लॉकर में रखवा दिया गया. वर्ष 2007 में जेवरों की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंप दी गई. तब से हर साल जन्माष्टमी पर इन्हें लॉकर से निकाला जाने लगा. हर साल भगवान को यही गहने पहनाए जाते हैं. हर साल समिति बनाई जाती है जो त्योहार के दिन सुबह गहनों को लॉकर से निकालकर श्रीराधा-कृष्ण मंदिर तक पहुंचाती है. यहां गहनों की सफाई कर भगवान का शृंगार किया जाता है. अगले दिन सुबह गहने उतार कर बॉक्स में रखते हैं. इसके बाद वापस लॉकर में रखवा दिए जाते हैं.

हर वर्ष तीन लाख से ज्यादा भक्त पहुंचते है-

गोपाल मंदिर के बारे में कहा जाता है कि हर वर्ष जन्माष्टमी के मौके से तीन लाख्श से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है. महापौर, सभापति, नगर निगम कमिश्नर की निगरानी में बेशकीमती एंटीक गहनों को लॉकर से निकाल कर श्रीराधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है. श्रीराधा-कृष्ण के मुकुट में लगा पन्ना अमूल्य है. भगवान के इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त साल भर इंतजार करते हैं. यही वजह है कि दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. इनमें विदेशी भक्त भी शामिल होते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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