Rajasthan: अब इन लोगों को नहीं मिलेगा सरकार की तरफ से मिलने वाला फ्री गेहूं, होगी जांच

अब इन लोगों को नहीं मिलेगा सरकार की तरफ से मिलने वाला फ्री गेहूं

प्रेषित समय :17:41:54 PM / Sat, Aug 31st, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जोधपुर. सरकार की तरफ से मिलने वाली फ्री गेहूं पर अब ग्रहण लगने वाला है. क्योंकि राजस्थान सरकार अब नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (एनएफएसए) में फ्री गेहूं ले रहे एक करोड़ से ज्यादा परिवारों की जांच करेगी.

इस जांच में पता लगाया जाएगा जो परिवार मुफ्त गेहूं उठा रहे हैं, वे सही पात्र हैं या नहीं. विभाग के सूत्रों का कहना है कि मुफ्त राशन पाने वाले सूची में कई ऐसे नाम भी जुड़े है, जो अपात्र हैं. इसलिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सावंत ने आईटी और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को पत्र लिखा है. इसमें इनकम टैक्स देने वालों और चार पहिया वाहन रखने वाले लोगों की लिस्ट मांगी है. सावंत ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लिए पत्र में बताया कि राज्य सरकार एनएफएसए के लाभार्थी की जांच करना चाहती है. क्योंकि NFSA में ये प्रावधान है कि कोई भी आयकर दाता सरकार से खाद्य सुरक्षा की गारंटी के तहत फ्री अनाज नहीं ले सकता. ऐसे में विभाग को राज्य के सभी करदाताओं की सूची उपलब्ध करवाई जाए. प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने ये सूची आधार नंबर के तहत मांगी है. क्योंकि सभी NFSA की सूची में चयनित परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर सूची से लिंक है.

कौन-कौन से परिवार होंगे लिस्ट से बाहर

- खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ने की शर्त यही है कि परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी वाला नहीं होनी चाहिए.
- घर के परिवार का कोई भी सदस्य 10,000 महीने से ज्यादा कमाई करने वाला नहीं होना चाहिए.
- जिसके पास पक्का मकान और चार पहिया वाहन हो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

राजस्थान में इस समय एनएफएसए की सूची में 1 करोड़ 7 लाख 35,652 परिवार जुड़े हैं. इन परिवारों को केन्द्र और राज्य सरकार हर महीने फ्री में राशन की दुकान से गेहूं उपलब्ध करवाती है. एक परिवार के एक सदस्य को हर महीने 5 किलोग्राम गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है. वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऐसा ही एक पत्र ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखा है. इसमें प्रदेश के चार पहिया वाहन रखने वाले लोगों की आधार नंबर वाइज सूची मांगी है. हालांकि, इसमें ट्रैक्टर या अन्य कमर्शियल वाहन जो जीविका चलाने में उपयोग आते है उनकी सूची नहीं मांगी गई है. आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में अभी 4 करोड़ 35 लाख प्रदेशवासी योजना का फायदा ले रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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