आरएसएस ने कहा- चुनाव प्रचार या चुनावी लाभ के लिए जातिगत जनगणना का इस्तेमाल नहीं हो

आरएसएस ने कहा- चुनाव प्रचार या चुनावी लाभ के लिए जातिगत जनगणना का इस्तेमाल नहीं हो

प्रेषित समय :18:54:18 PM / Mon, Sep 2nd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलक्कड़. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक आज सोमवार 2 सितम्बर को खत्म हो रही है. यह आयोजन केरल के पलक्कड़ शहर में 31 अगस्त से लेकर 2 सितंबर 2024 को किया गया. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में पश्चिम बंगाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर चर्चा हुई. इस तरह की घटना पर अंकुश लगाने के लिए तेजी से सुनवाई हो, सरकारी तंत्र की सक्रियता आदि को तेज करने पर चर्चा हुई. इस मौके पर सुनील आंबेकर ने जातिगत जनगणना के मामले में कहा कि संघ इसको लेकर चिंतित है. हमारे समाज में जातिगत जनगणना एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए बेहद अहम है.

नीतिगत उद्देश्यों के लिए जातिगत जनगणना की बात करते हुए आंबेकर ने कहा कि हम हमेशा इन मुद्दों पर सोचते हैं लेकिन जाति जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए और खासतौर से दलित समुदाय की संख्या जानने के लिए सरकार उनकी संख्या की गणना कर सकती है. जातीय जनगणना के आड़ में समाज बांटने के मुद्दे से जुड़े सवाल पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा कि हम समाज की एकता और अखंडता के बारे में बेहद चिंतित हैं, हम इसे जन स्तर तक ले जाएंगे. जातीय जनगणना के तहत इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. संघ सामाजिक समरसता के तहत इसको लेकर जनजागरण अभियान चलाएगा.

रेप जैसी घटना रोकने के लिए 5 तरीके से काम हों

उन्होंने कहा कि कोलकाता रेप कांड जैसी इस तरह की घटना की रोकथाम के लिए तेज गति से सुनवाई, सरकारी तंत्र की सक्रियता आदि को तेज करने पर चर्चा हुई. बंगाल जैसी घटना को रोकने किए 5 तरह के कार्यों को बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई. पहला, लीगल रेमेडीज, दूसरा, लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाई जाए. तीसरा, परिवारों में संस्कार को बेहतर ढंग से दिया जाना चाहिए. चौथा, शिक्षा व्यवस्था में सेंसिटिविटी की बढ़ोतरी की जाए. छठा, महिलाओं में आत्मरक्षा की व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इसके अलावा डिजिटल, ओटीटी और वेबसाइट वगैरह पर जिस तरह के कंटेंट आ रहे हैं उससे भी इंसान की मानसिकता पर प्रतिकूल असर हो रहा है.

वक्फ मसले पर भी हुई चर्चा: सुनील आंबेकर

वक्फ बोर्ड से जुड़े संशोधन के मसले पर चर्चा को लेकर सुनील आंबेकर ने कहा कि इस मसले पर चर्चा हुई है. यह मुद्दा बहुत बड़ा है. इस पर व्यापक स्तर पर चर्चा की जानी है. वक्फ को लेकर मुस्लिम समाज की ओर से बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतें आई हैं. ऐसे में बड़े स्तर पर इसकी चर्चा की जा रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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