नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड अध्यक्ष/सीईओ सतीश कुमार ने वित्त मंत्रालय सचिव (व्यय) को पत्र लिखकर कहा कि रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। कहा, इस पूंजीगत व्यय के परिणामस्वरूप परिसंपत्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, जिसके लिए विश्वसनीय और सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए पर्याप्त जनशक्ति की आवश्यकता है.
उल्लेखनीय है कि आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने पिछले कई सालों से लगातार रेलवे बोर्ड की पीएनएम के साथ-साथ अन्य अवसरों पर रेलवे में लगातार कम होते मैनपावर व कार्यरत कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्य के चलते बढ़ते तनाव का मुद्दा उठाया जाता रहा है.
रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने पत्र में कहा है कि रेलवे की संपत्ति लगातार बढ़ रही है। इसकी सुरक्षा और रख-रखाव के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता है। बोर्ड अध्यक्ष सतीश कुमार ने वित्त मंत्रालय से बोर्ड को गैर-राजपत्रित पद सृजित करने की शक्ति देने का आग्रह किया है। इस संबंध में बोर्ड अध्यक्ष कुमार ने वित्त मंत्रालय में सचिव (व्यय) मनोज गोविल को पत्र लिखा है.
पत्र में यह कहा गया
बोर्ड अध्यक्ष कुमार द्वारा वित्त मंत्रालय सचिव (व्यय) को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। 2019-20 में यह 1.48 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 2.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है। कुमार ने कहा, इस पूंजीगत व्यय के परिणामस्वरूप परिसंपत्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, जिसके लिए विश्वसनीय और सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए पर्याप्त जनशक्ति की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, रेलवे के मिशन लक्ष्य 1610 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3000 मीट्रिक टन (2030 तक) करने को देखते हुए आने वाले वर्षों में ये संपत्तियां और बढ़ेंगी। कुमार ने तर्क दिया कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अधिक ट्रेनें चलानी होंगी, जिसके लिए ट्रेन चलाने और बुनियादी ढांचे के रख-रखाव दोनों के लिए बढ़ी हुई जनशक्ति की आवश्यकता होगी।
इन पदों के लिए अनुमति जरूरी
सतीश कुमार ने कहा, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (डीओई) के मौजूदा निर्देश के अनुसार, पदों के निर्माण (रेलवे में चालक दल की समीक्षा को छोड़कर) के लिए व्यय विभाग की मंजूरी की आवश्यकता होती है। कुमार ने पिछले पांच वर्षों में रेलवे में बनाई गई नई संपत्तियों का सारांश संलग्न किया है। सारांश के अनुसार, ट्रैक सर्किट में 269 फीसदी की वृद्धि हुई, रेलवे विद्युतीकरण में 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई और लोको शेड में इलेक्ट्रिक और डीजल दोनों लोको की पकड़ में 227 फीसदी की वृद्धि हुई। सारांश में मार्ग किमी पर कवच के कवरेज में 486 फीसदी की वृद्धि, लोकोमोटिव में 59 फीसदी की वृद्धि और ट्रेन कोचों में 30 फीसदी की वृद्धि देखी गई। कुमार ने कहा कि नई संपत्तियों के निर्माण और नई लाइनों के निर्माण/जोडऩे के लिए ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त की मंजूरी के लिए सभी मापदंडों, विशेष रूप से सुरक्षा संबंधी मापदंडों को पूरा करना अनिवार्य है।
लगातार बढ़ रहा रेल नेटवर्क, नई परियोजनाएं मूर्तरूप ले रहीं
विभिन्न परियोजनाओं की प्रभावी निगरानी और निष्पादन, नई संपत्तियों के रखरखाव और ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन जैसे विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए कुमार ने कहा कि रेलवे में अतिरिक्त जनशक्ति की तत्काल आवश्यकता है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, इसके लिए आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर अराजपत्रित पदों के सृजन की आवश्यकता होती है।
एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू लगातार पदों को बढ़ाने की मांग उठाती रही
वहीं इस मामले में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सैक्रेट्री व डबलूसीआरईयू के महामंत्री कामरेड मुकेश गालव ने कहा कि रेलवे में लगातार घटते पदों पर लगातार एआईआरएफ, डबलूसीआरईयू रेलवे बोर्ड के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त करती रही है। कम होते पदों से जो कर्मचारी कार्यरत हैं, उन पर कार्य का अत्यधिक बोझ बढ़ा हुआ है, इसके अलावा रेलवे बोर्ड द्वारा लगातार माल लदान का टारगेट बढ़ाया जाता रहा है, यात्री गाडिय़ों की संख्या में भी निरंतर इजाफा होता जा रहा है। यही नहीं रेलवे नेटवर्क भी बढ़ रहा है. तीसरी लाइन, नई लाइन प्रोजेक्ट भी पूर्णता ले रहे हैं, लेकिन स्टाफ बढऩे की बजाय घटता जा रहा है। सीईओ रेलवे बोर्ड ने जो पत्र वित्त (व्यय) विभाग को लिखा है, उससे उम्मीद है कि शीघ्र ही पदों को भरने का काम होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-