शारदीय नवरात्रि प्रारंभ 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2024 तक

शारदीय नवरात्रि प्रारंभ 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2024 तक

प्रेषित समय :20:48:17 PM / Mon, Sep 30th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नवरात्रि सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय हिंदू त्योहारों में से एक है, जो साल में दो बार मनाया जाता है- एक बार वसंत ऋतु में (चैत्र नवरात्रि) और फिर शरद ऋतु में (शरद या शारदीय नवरात्रि). 2024 में, शारदीय नवरात्रि गुरुवार, 3 अक्टूबर को शुरू होने वाली है और नौ शुभ दिनों तक जारी रहेगी, जिसका समापन 10वें दिन दशहरा या विजयादशमी पर होगा.

यह त्यौहार देवी दुर्गा का सम्मान करता है, जिनकी पूजा उनके नौ अलग-अलग रूपों में की जाती है, जिन्हें सामूहिक रूप से नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है. इस उत्सव में स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए विस्तृत अनुष्ठान, उपवास और प्रार्थनाएँ शामिल हैं.

आश्विन शुक्ल प्रतिपदा, गुरुवार दिनांक 03/ अक्टूबर /2024 से शुरू होकर आश्विन शुक्ल नवमी सोमवार दिनांक 11 अक्टूबर 2024 को समाप्त होंगे.  
नवरात्र के पहले दिन यानि  दिनांक 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार को घट स्थापना या जिसे कलश स्थापना भी कहा जाता है, कन्या लग्न में सुबह 6 बजकर 24 मिनट से 7 बजके 25 मिनट तक या शुभ के चौघड़िए में सुबह 6 बजकर 24 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक या अभिजीत मुहूर्त में दिन में 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक की जाएगी. 

माँ दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है, इसलिए उनकी कृपा व आशीर्वाद तथा पुरुषार्थ प्राप्त करने के लिए नवरात्र के नौ दिन तक उनके नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है.  देवी के  स्वरुप क्रमश इस प्रकार  हैं -  शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघण्टा, कुष्माण्डा, स्कन्दमाता , कात्यायनी , कालरात्रि , महागौरी और सिद्धिदात्री. 
नवरात्रि की इस अवधि में ही दिनांक 11 अक्टूबर 2024 शुक्रवार को दुर्गा अष्टमी है. 11अक्टूबर को ही महानवमी है. 
12 अक्टूबर 2024 शनिवार को विजय दशमी, नवऱात्र पारणा और दुर्गा विसर्जन होगा.

#कलशस्थापना  मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती  है. इस बार कलश स्थानपा का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है. इसके बाद सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थानपा की जा सकती है.

पालकी पर आएंगी माता
इस बार शारदीय नवरात्रि में माता पालकी पर सवार होकर आने वाली हैं. देवी पुराण में पालकी पर माता की सवारी को अत्यंत शुभ माना गया है. नवरात्रि के गुरुवार और शुक्रवार के दिन शुरू होने पर माता की सवारी पालकी होती है.

तिथि पूजन 
2 अक्टूबर 2024 (बुधवार) - सूर्य ग्रहण, सर्व पितृ अमावस्या
3 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) - शारदीय नवरात्रि, घटस्थापना
9 अक्टूबर 2024 (बुधवार) - कल्परम्भ
10 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) - नवपत्रिका पूजा
11 अक्टूबर 2024 (शुक्रवार) - दुर्गा महा नवमी पूजा, दुर्गा महाष्टमी पूजा
12 अक्टूबर 2024 (शनिवार) - दशहरा, शारदीय नवरात्रि पारण
13 अक्टूबर 2024 (रविवार) - दुर्गा विसर्जन
14 अक्टूबर 2024 (सोमवार) - पापांकुशा एकादशी
15 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
17 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) - अश्विन पूर्णिमा व्रत, तुला संक्रांति
20 अक्टूबर 2024 (रविवार) - करवा चौथ, कार्तिक संकष्टी चतुर्थी
28 अक्टूबर 2024 (सोमवार) - रमा एकादशी
29 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) - धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
30 अक्टूबर 2024 (बुधवार) - मासिक शिवरात्रि

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-