पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने प्रदेश में शिक्षक भर्ती पर लगी रोक को हटाते हुए नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने को कहा है. मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि साल 2023 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जारी रखा जाए. वही फटकार लगाते हुए पूछा कि जब ईडब्ल्यूएस आरक्षण 2019 में आया तो इसे आपने 2018 की भर्ती पर कैसे लागू कर दिया.
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ व जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये नियुक्तियां अपील के अंतिम निर्णय के अधीन होंगी. मामले पर अब अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी. अपीलकर्ता शासन की ओर से पैरवी जाह्नवी पंडित, ब्रह्मदत्त सिंह ने की. अनावेदकों की ओर से सीनियर अधिवक्ता नमन नागरथ ने पैरवी की. सिंगल बैंच के फैसले के विरुद्ध डिवीजन बैंच में मध्य प्रदेश शासन की ओर से दो रिट अपील दायर की गई. शासन की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने पक्ष रखा. उनके तर्कों को सुनकर हाईकोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आप शासन के विरुद्ध हैं या पक्ष में क्योंकि आपके तर्क सरकार के हित के विरुद्ध प्रतीत हो रहे हैं. तब उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के स्टे आदेश के कारण सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पा रही है. हाईकोर्ट ने उक्त आदेश को रेखांकित करने के लिए कहा. इस पर एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कहा कि हाईकोर्ट में शासन ने शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाने की मौखिक अंडर टेकिंग दी थी. इस पर हाईकोर्ट ने इस साल 27 मई को आदेश पारित करके शिक्षकों की आगामी भर्तियों को उक्त रिट अपीलों के निर्णयाधीन कर दिया. सुनवाई में हाईकोर्ट ने 27 मई के आदेश के तहत 2023.शिक्षक भर्ती करने का आदेश दिया है.
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