पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी में मोहन यादव सरकार द्वारा राज्य में कार्यरत कार्मिकों को 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने की घोषणा की है . मध्यप्रदेश विधुत कर्मचारी संघ फेडरेशन के महामंत्री राकेश डीपी पाठक ने मुख्यमंत्री का आभार करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि मध्यप्रदेश में पेंशनर्स की ऐसी क्या गल्ती है कि सरकार ने पेंशनर्स के साथ फिर भेदभाव किया गया है. उन्हें 4 प्रतिशत मंहगाई राहत से वंचित कर दिया.
फेडरेशन के महामंत्री श्री पाठक ने आगे कहा कि पेंशनर्स को मंहगाई राहत तो छोड़ो उन्हें दीपावली व स्थापना दिवस की बधाई देना भी उचित नहीं समझा. जबकि पेंशनर्स को एकमात्र सहारा यही है. उन्हें भी दीपावली में अपने पारीवारिक दायित्वों को निभाना पड़ता है. उन्हें भी इस महान पर्व पर परिवार की खुशी के लिए बाजार से सामान लाना पड़ता है. क्या उन्हें महंगाई राहत की आवश्यकता नहीं है. उन्होने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत डीए व डीआर देने के आदेश दे दिए गए हैं. इस प्रकार केन्द्र के कर्मचारियों और पेंशनरों को वर्तमान में महंगाई भत्ता और मंहगाई राहत बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया है. किन्तु मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को आज 4 प्रतिशत देने की घोषणा हुई है. वहीं पेंशनरों को अभी केवल 46 प्रतिशत महंगाई राहत ही प्राप्त हो रही है. इस प्रकार केन्द्र के कर्मचारियों की तुलना में मध्यप्रदेश के कर्मचारियों 3 प्रतिशत कम मंहगाई भत्ता और पेंशनरों को 7 प्रतिशत कम महंगाई राहत प्राप्त हो रही है. मध्यप्रदेश की सरकार अपने पेंशनरों से लम्बे समय से भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रही है.
राज्य सरकार द्वारा पेंशनरों के साथ किए जा रहे भेदभाव का एक और उदाहरण देखिए. केन्द्र सरकार ने 13 नवम्बर 2017 को मध्यप्रदेश.छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को पत्र जारी कर पेंशनरों के हित में निर्देश भी जारी किए थे. उसके अनुसार केन्द्र सरकार के गृह विभाग ने 13 नवम्बर 2017 को पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश भोपाल को चि_ी लिखकर धारा 49 के उन्मूलन की जानकारी भी दे दी थी. इस पत्र की प्रतिलिपि उन्होंने मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को भी दी थी. इसके बावजूद दोनों राज्य इस अति महत्वपूर्ण पत्र को दबाकर बैठ गए हैं.
मध्यप्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा अनेक बार राज्य सरकार को इस पत्र का हवाला देते हुए धारा 49 के उन्मूलन की चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ से सहमति न मांगने का अनुरोध किया था किन्तु राज्य सरकार के कानों पर जूं नहीं रैंगी ! इसके साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि धारा 49 यदि लागू भी होती है तो वह सन् 2000 के पहले सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर लागू होगी! इसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले किसी भी कर्मचारी पर यह लागू नहीं होगी. इस महत्वपूर्ण बिन्दू को भी राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी घोलकर पी गए हैं.
मध्यप्रदेश के विभिन्न पेंशनर्स एसोसिएशनों द्वारा समय-समय पर अनेकों बार पेंशनरों के साथ पिछले 24 साल से हो रहे अन्याय को बंद कर न्याय दिलाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव व वित्त सचिव को पत्र भेजकर, मुलाकात कर निवेदन किया. इसके बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम अभी तक नहीं मिला है. आज मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व केंद्र में ट्रिपल इंजन की सरकार है. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से आग्रह है कि वे पेंशनरों की पुकार को सुनेंगे और इस समस्या का स्थाई हल कराकर उन्हें न्याय दिलायेंगे ! मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन के महामंत्री राकेश डीपी पाठक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह दीपावली के पूर्व पेंशनर्स को भी 4 प्रतिशत मंहगाई राहत प्रदान करें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-